छत्तीसगढ़

Chhattisgarh के इस गांव ने दिया जागरूकता का परिचय एक विकासखंड के दो गांव, एक में लापरवाही के चलते 50 से अधिक कोरोना के मामले, दूसरे में लोगों की सजगता से इस लहर में कोई केस नहीं

रायगढ़। (Chhattisgarh) कोरोना संक्रमण से निपटने के लिये कलेक्टर भीम सिंह के नेतृत्व में जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम वो तमाम प्रयास कर रही है, जिससे संक्रमण की जल्द से जल्द रोकथाम हो। जिले में बीते डेढ़ माह से लॉक डाउन लगाया गया है, ताकि कोरोना की चेन टुट सके। कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिये जारी गाईड-लाईन का विभिन्न माध्यमों से प्रचार-प्रसार कराया जा रहा है। जिससे लोग जागरूक रहे। लेकिन उसके बावजूद आज भी जिले के कुछ ऐसे गांवों के मामले सामने आये हैं जहां लापरवाही और अनदेखी के चलते कोरोना संक्रमण के मामले बढ़े। लैलूंगा विकासखंड का तारागढ़ ऐसा ही एक गांव है जहां 50 से अधिक कोरोना के मामले मिल चुके है। जिसमें से 3 लोगों का दुखद निधन भी हो गया है। वहीं कई ऐसे भी गांव हैं जिन्होंने अपनी सजगता से कोरोना संक्रमण को थामे रखा और गांव में प्रवेश नही करने दिया। इन गांवों के मामले हमें सिखाते हैं कि हमारा व्यवहार और कोरोना से बचाव के उपायों का पालन संक्रमण की जल्द रोकथाम के लिए कितना जरूरी है।

लापरवाही से बढ़े मामले, तीन का हुआ निधन

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार विकासखंड लैलूंगा के अंतर्गत तारागढ़ ग्राम स्थित है। यहां कोविड पॉजिटिव का पहला केस प्रथम केस दिनांक 12 अप्रैल 2021 को मिला था। जिसकी बारात अंबिकापुर से 08 अप्रैल 2021 को आई थी। उस समूह में एक व्यक्ति संक्रमित पाया गया था। उसके चार दिन बाद वहां के व्यक्तियों मे सर्दी, खासी, बुखार, सांस लेने में तकलीफ के लक्षण पाये गये। तारागढ़ के आरएचओ ने जब एण्टीजन टेस्ट किया तो कुल 26 में से 12 पाजीटिव पाये गये। उनके प्रायमरी कांटेक्ट  में आये लोगों की पहचान कर जब जांच की गयी तो उनमें से भी कई लोग संक्रमित पाए गए। इस तरह गांव में कोरोना के मामले बढ़कर 50 से अधिक हो गए। जिनमें से 3 व्यक्तियों का निधन हो गया। कोरोना के मामले आने पर गांव को कन्टेनमेंट जोन बनाया गया। लोगों को तत्काल इलाज मुहैय्या कराया गया। अभी वर्तमान स्थिति में कोरोना संक्रमित व्यक्ति स्वस्थ हो गये है तथा अब यहां एक भी केस नहीं है। लेकिन इस गांव का मामला यह सीख देता है कि हमारी लापरवाही से कैसे संक्रमण इतनी तेजी से फैलता है और उसके क्या दुष्परिणाम सामने आ सकते हैं।

लोगों की सजगता से इस लहर में कोई केस नही

लैलूंगा विकासखंड का ही एक और गांव है सिहांरधार है। यहां की जनसंख्या 11 सौ के करीब है। यहां के लोगों ने सामूहिक अनुशासन और व्यक्तिगत जिम्मेदारी के भाव से अपने गांव को संक्रमण से मुक्त रखा है। जनप्रतिनिधियों व शासकीय कर्मचारियों ने गांव में सभी को कोरोना से बचाव हेतु सुरक्षात्मक उपायों के बारे में जागरूक किया। मास्क लगाने, हाथों को नियमित रूप से धोना और सामाजिक दूरी के पालन का गंभीरता से पालन किया गया। अनावश्यक गांव से बाहर नही निकले। बाहर से आने वालों को क्वारेन्टीन किया गया। जिसके चलते दूसरी लहर में आज तक गांव में कोरोना का एक भी मामला नही आया है।

इन दोनों गांव के मामले हमे बताते हैं कि अगर कोरोना संक्रमण को लेकर थोड़ी भी लापरवाही बरती गयी तो संक्रमण कितनी तेजी से असर दिखा सकता है। वहीं यदि नियमों के पालन में हमने सजगता और गंभीरता दिखायी तो कोरोना संक्रमण से हम अपने व परिवार के साथ आसपास सभी की सुरक्षा सुनिश्चित कर पाएंगे।

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