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इस कंपनी पर 164 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप, ED ने खंगाला ऑफिस

नई दिल्ली

रियल एस्‍टेट कंपनी सुपरटेक और उसके प्रमोटर्स के खिलाफ ED की जांच जारी है. इनपर घर खरीदारों से 164 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप है. शनिवार को ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में रियल एस्‍टेट कंपनी DLF के गुरुग्राम ऑफिस में तलाशी ली. जून 2022 में ईडी ने Supertech के प्रमोटर आरके अरोड़ा को निवेशकों और घर खरीदारों से फर्जीवाड़े के आरोप में गिरफ्तार किया था. अरोड़ा पर PMLA की कई अपराधिक धाराओं के तहत मनी लॉन्ड्रिंग मामले में FIR दर्ज हुआ था.

प्रवर्तन निदेशालय (ED) डीएलएफ और सुपरटेक के बीच संभावित संबंधों, खासकर पैसों से जुड़े लेनदेन की जांच कर रही है. हालांकि अभी यह स्‍पष्‍ट नहीं है कि ED कौन सी खास जानकारी तलाश रही है और कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में DLF का क्‍या रोल हो सकता है. पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, ईडी ने डीएलएफ के ऑफिस से दस्‍तावेज और अन्‍य सबूत हासिल किए हैं.

164 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी का मामला

ईडी का आरोप है कि सुपरटेक ग्रुप (Supertech Group) के माध्‍यम से 164 करोड़ रुपये के बड़े अमाउंट का हेरफेर किया गया है. इसमें घर खरीदारों को समय पर घर का कब्‍जा नहीं देने और अन्‍य तरह के आरोप हैं. इतना ही नहीं ED का यह भी कहना है कि इन अमाउंट को व्‍यवस्थित तौर पर कई शेल कंपनियों में भेजा गया, जो बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी उजागर करता है.

जमीन खरीदने के नाम पर निकाली बड़ी रकम

यह भी दावा है कि कंपनी ने 2013-14 के दौरान गुरुग्राम में ऊंची कीमत पर जमीन खरीदने के लिए ग्राहकों और घर खरीदारों से मिले 440 करोड़ रुपये से ज्‍यादा निकाल लिए, जबकि नोएडा में उनकी वादा की गई परियोजना पूरी नहीं हुई. ऐसे में कंपनी की तरफ से लिया गया लोन जल्‍द ही NPA की कैटेगरी में शामिल हो गए, जिसके कारण बैंकों ने उन्‍हें 'फ्रॉड' के तौर पर लेबल करना शुरू कर दिया.

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