कांकेर (उत्तर बस्तर)

Kanker: लॉकडाउन में भी नहीं पड़ा असर, ग्रामीणों की इस तरकीब से बदली किस्मत, देखिए

प्रसेनजीत साहा@कांकेर। (Kanker) कोरोना संक्रमण रोकथाम पर सरकार ने लॉकडाउन किया। जिससे व्यापारी से लेकर किसानों को भारी नुकसान हुआ। आर्थिक मंदी से गुजरना पड़ा।

(Kanker) वहीं एक ऐसा गांव है जहां आय के लिए किसान पान की खेती कर रहे हैं। पखांजूर से कुछ ही दूरी पर गोविंदपुर गांव है। इस गांव में अधिकतर घर मे आपको पान मिल जाएगा। जो 12 महीना बेच सकते हैं। छत्तीसगढ़ धान का कटोरा कहा जाता है। यहां किसान धान के साथ-साथ मक्का की भी फसल उगाते हैं। जिसकी फसल साल में एक बार आती है। उसी से गुजर बसर करते हैं।

(Kanker) इस गांव के लोगों पर लॉकडाउन में आर्थिक मंदी का कोई असर नही पड़ा। क्यों कि उनके पास पान था। पहले यही पान कोलकाता से आते थे और अधिक दाम में बेचा जाता था। पर अब सस्ते में अधिक पान लोगो को मिल जाता है। हमने जब गांव वालों से लॉकडाउन को लेकर बात की तो उन्होंने कहा हमे कोई फर्क नही पड़ा।

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इसकी वजह यहां पान की फसल है। जिससे 12 महीने तक आमदनी होती है। धान तथा मक्का की फसल के अलावा यहां आय का स्रोत है। इस लॉकडाउन में किसी को 30 हजार तो किसी को एक लाख तक का मुनाफा हुआ है।

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