रायपुर। उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन, राज्यपाल रमेन डेका एवं मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज राजभवन में भारत रत्न डॉ. भूपेन हजारिका की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर उन्होंने आधुनिक असम के सांस्कृतिक विकास में डॉ. हजारिका के योगदान को याद करते हुए कहा कि वे केवल एक महान गायक और संगीतकार ही नहीं, बल्कि एक सच्चे राष्ट्रभक्त, कवि, फिल्म निर्माता और समाजसेवी भी थे। उनके गीतों ने समाज को एकता, प्रेम और मानवता का संदेश दिया।
कार्यक्रम में राज्य की प्रथम महिला रानी डेका काकोटी, राज्यपाल के सचिव डॉ. सी.आर. प्रसन्ना एवं राजभवन के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे। सभी ने डॉ. हजारिका के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया।
मुख्यमंत्रीविष्णु देव साय ने कहा कि डॉ. भूपेन हजारिका का जीवन संगीत और समाज के प्रति समर्पण का प्रतीक था। उन्होंने भारतीय लोक-संस्कृति को वैश्विक पहचान दिलाई। उपराष्ट्रपति श्री राधाकृष्णन ने कहा कि डॉ. हजारिका की रचनाएँ भारतीय समाज की आत्मा को अभिव्यक्त करती हैं और नई पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत हैं।
राज्यपाल रमेन डेका ने कहा कि डॉ. हजारिका का संगीत सीमाओं से परे जाकर लोगों के दिलों को जोड़ता है। उन्होंने असम और पूरे उत्तर-पूर्व भारत की सांस्कृतिक विरासत को राष्ट्रीय मंच पर सम्मान दिलाया।
राजभवन परिसर में श्रद्धांजलि सभा के दौरान डॉ. हजारिका के प्रसिद्ध गीतों की धुनें गूंजती रहीं, जिससे वातावरण भावुक हो उठा। सभी ने उनके आदर्शों और जीवन दर्शन को अपनाने का संकल्प लिया। डॉ. भूपेन हजारिका का योगदान सदैव भारतीय संगीत और संस्कृति के इतिहास में अमर रहेगा।
