रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना की रजत जयंती के मौके पर सोमवार को भारतीय वायुसेना की मशहूर सूर्यकिरण एरोबैटिक टीम (Suryakiran Aerobatic Team – SKAT) ने राजधानी रायपुर में स्कूली बच्चों से प्रेरणादायक संवाद किया। यह मुलाकात दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में हुई, जिसमें बच्चों में देशभक्ति और जोश का माहौल नजर आया।
टीम के पायलटों और तकनीकी विशेषज्ञों के आगमन पर सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। बच्चों ने गर्व के साथ उनका स्वागत किया। सूर्यकिरण टीम के सदस्यों ने विद्यार्थियों को बताया कि उनकी हवाई कलाबाजियां केवल करतब नहीं बल्कि अनुशासन, एकाग्रता, टीमवर्क और साहस का प्रतीक हैं। उन्होंने कहा “हर उड़ान एक जिम्मेदारी है, जो न सिर्फ वायुसेना बल्कि पूरे देश के सम्मान से जुड़ी होती है।”
टीम ने छात्रों को भारतीय वायुसेना में शामिल होने की प्रक्रिया, प्रशिक्षण और तकनीकी तैयारी के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एयर फोर्स में जाने के लिए केवल शारीरिक फिटनेस ही नहीं, बल्कि मानसिक मजबूती और वैज्ञानिक दृष्टिकोण भी जरूरी है।
बच्चों ने पूछे ये सवाल
- हवाई करतब के दौरान विमानों की दूरी कितनी होती है
 - मौसम का असर कैसे झेलते हैं, और “हार्ट” या “एरोहेड” जैसे फॉर्मेशन कैसे बनाए जाते हैं।
 
सदस्यों ने कहा कि उनका उद्देश्य केवल प्रदर्शन नहीं, बल्कि नई पीढ़ी में देशभक्ति और समर्पण की भावना जगाना है। बच्चों से कहा गया,“हमारी उड़ान तब पूरी होती है, जब आपकी आंखों में भी उड़ने का सपना जागे।” अंत में सूर्यकिरण टीम ने विद्यार्थियों को 5 नवंबर को नवा रायपुर में होने वाले एरोबैटिक शो में शामिल होकर भारतीय वायुसेना के शौर्य का साक्षी बनने का निमंत्रण दिया।
