लोकतंत्र सेनानियों का संघर्ष हमारी प्रेरणा: सीएम विष्णु देव साय

आपातकाल स्मृति दिवस पर लोकतंत्र सेनानियों को मिला सम्मान
रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आपातकाल स्मृति दिवस के अवसर पर कहा कि लोकतंत्र केवल शासन प्रणाली नहीं, बल्कि जीवन जीने की एक पद्धति है। उन्होंने कहा कि 1975 में लगी इमरजेंसी ने भारत के लोकतांत्रिक ढांचे को झकझोर दिया था। उस दौरान हजारों लोगों को बिना अपराध के जेल में डाला गया, मौलिक अधिकार छीने गए और मीडिया की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाया गया।
मुख्यमंत्री साय ने लोकतंत्र सेनानियों को सम्मानित करते हुए उनके संघर्ष को देश की आत्मा की रक्षा करने वाला बताया। उन्होंने कहा कि आपातकाल के 21 महीने अत्याचार और अमानवीयता की मिसाल हैं, जिसमें लोकतंत्र सेनानियों को मानसिक व शारीरिक यातनाएं दी गईं। मुख्यमंत्री ने अपने पिता स्वर्गीय नरहरि प्रसाद साय की भी याद की, जो उस दौर में 19 महीने जेल में बंद रहे।

कार्यक्रम में सच्चिदानंद उपासने की पुस्तक “वो 21 महीने: आपातकाल” का विमोचन भी किया गया। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि लोकतंत्र सेनानियों की अंत्येष्टि अब राजकीय सम्मान के साथ की जाएगी और परिजनों को 25,000 की सहायता दी जाएगी। साथ ही विधानसभा से अधिनियम पारित कर सम्मान राशि योजना को स्थायी बनाया गया है।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने भी आपातकाल की भयावहता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि लोकतंत्र के स्तंभों को निष्क्रिय किया गया था और यह पीढ़ियों को उस संघर्ष से सीख लेनी चाहिए। इस अवसर पर अनेक जनप्रतिनिधि, अधिकारी व लोकतंत्र सेनानी उपस्थित रहे।