
रवि तिवारी@देवभोग. राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के अंगरक्षक व स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पंडित श्याम शंकर मिश्र की मूर्ति का पिछले तीन सालों से अनावरण नहीं हो पाया है..देवभोग का हृदय स्थल कहे जाने वाले गाँधी चौक और शासकीय महाविधालय में पंडित मिश्र की मूर्ति बनकर तैयार है.. लेकिन आज तीन वर्ष बीत चुके है.. दोनों जगहों पर बनी मूर्ति का अनावरण नहीं हो पाया है.. स्वर्गीय स्वतंत्रता सेनानी पंडित श्याम शंकर मिश्र की मूर्ति बनने के बाद उसके लोकार्पण के लिए उनके स्वर्गीय नाती राजेश पाण्डेय ने भी भरसक प्रयास किया था.. स्वर्गीय पाण्डेय ने उस दौरान राज्यपाल से लेकर तत्कालीन मुख्यमंत्री को भी पत्र-व्यवहार कर मूर्ति अनावरण की मांग की थी… यहां बताना लाजमी होगा कि स्वर्गीय पाण्डेय ने मूर्ति अनावरण के लिए बहुत ज्यादा प्रयास किया था.. लेकिन उनका प्रयास असफल रहा.. और इस बीच वे स्वर्ग सिधार गए.. वहीं स्वर्गीय पाण्डेय के जाने के बाद इस बीड़ा को उठाया है.. उनके पुत्र आशीष पाण्डेय ने… आशीष पंडित श्याम शंकर मिश्र के परपोता है… आशीष ने अभी हाल ही में सूबे के मुखिया भूपेश बघेल को आवेदन सौंपकर देवभोग के गाँधी चौक और शासकीय महाविधालय में बनी मूर्ति को अनावरण किये जाने का गुहार सीएम से लगाया है.. वहीं सीएम ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के परिवार को आश्वस्त भी किया है कि वे ज़ब भी देवभोग आएंगे.. मूर्ति का अनावरण करेंगे.. वहीं पंडित श्यामशंकर मिश्र के परपोते आशीष पाण्डेय का भी कहना है कि उन्हें छत्तीसगढ़ के मुखिया पर पूरा भरोसा है.. वहीं सीएम के आश्वासन के बाद परिवार को भरोसा है कि जल्द ही उनकी मांग सीएम पूरा करेंगे…
जनहित में हमेशा आगे रहा है परिवार-: यहां बताना लाजमी होगा कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पंडित श्याम शंकर मिश्र का परिवार हमेशा जनहित के लिए आगे रहा है.. परिवार के लोगों ने जनहित के लिए काम करते हुए हमेशा सिद्ध किया है कि जन हित का कार्य उनके लिए सर्वप्रथम है.. ज्ञात हो कि पंडित श्याम शंकर मिश्र के नाती स्वर्गीय राजेश पाण्डेय ने देवभोग के शासकीय महाविधालय के लिए सड़क बनाये जाने के लिए 50 डिसमिल जमीन दान की है.. आज इसी सड़क से होकर सैकड़ो छात्र-छात्राएं अपना भविष्य गढ़ने के लिए महाविद्यालय पहुंचते है.. इतना ही नहीं गिरसूल में पंडित ज्वाला प्रसाद पाण्डेय ट्रस्ट की जमीन भी हाई स्कूल बनने के लिए दान की गई है..वहीं गंगराजपुर में ज़ब ग्रामीणों ने हरि कीर्तन भवन के लिए जमीन ना होने की बात कहीं.. तो राजेश पाण्डेय ने ग्रामीणों की मांग पर तत्काल हामी भरते हुए भवन के लिए जमीन दान करने की घोषणा की..यहां बताते चले कि स्वर्गीय राजेश पाण्डेय ऐसे समाजसेवी थे.. जिन्होंने मरते दम तक क्षेत्र के हर समस्याओं को ध्यान में रखकर जिम्मेदारों से पत्र-व्यवहार किया.. उनके कई पत्र पर जिम्मेदारों ने संज्ञान भी लिया.. और क्षेत्र की कई समस्याएं दूर भी हुई.. गौरतलब है कि स्वर्गीय पाण्डेय ने जिन्दा रहते घोषणा किया था कि महाविधालय में जो छात्र प्रथम स्थान प्राप्त करेगा.. उसे गोल्ड मैडल से सम्मानित किया जायेगा.. इसके लिए उन्होंने राशि भी बैंक में जमा करवा दी थी.. आज उसी राशि से छात्र-छात्राओं को गोल्ड मैडल दिया जाता है… विदित हो कि देवभोग के शासकीय महाविद्यालय को पंडित श्याम शंकर मिश्र के नाम से जाना जाता है…
रातों रात बनवाया था विजय स्तम्भ-: यहां बताना लाजमी होगा कि 15 अगस्त को देश के आजाद होने की सुचना ज़ब 14 अगस्त को आकाशवाणी के माध्यम से देशवाशियों को दी गई..और यह खबर ज़ब पंडित श्याम शंकर मिश्र को पता चला.. तो उन्होंने तत्काल गॉव के बीचो-बीच विजय स्तम्भ बनाने का फैसला लिया…वे खुद भी ग्रामीणों के साथ इसमें भीड़ गए.. पूरी रात मेहनत करके विजय स्तम्भ तैयार कर दिया..दूसरे दिन उन्होंने गॉव वालों के साथ मिलकर अपने इलाके में आजाद भारत का पहला ध्वजारोहण किया…आज भी आसपास के गॉवो से 26 जनवरी और 15 अगस्त में बड़ी संख्या में लोग जुटकर यहां ध्वजारोहण करते है…