रजत जयंती वर्ष की प्रदर्शनी में दिखी प्रदेश की जल यात्रा, 25 वर्षों में सिंचाई क्षमता में 61% की वृद्धि

रायपुर। छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव के तहत नवा रायपुर में आयोजित जल संसाधन विभाग की प्रदर्शनी में राज्य की जल यात्रा की शानदार झलक देखने को मिली। प्रदर्शनी में बताया गया कि पिछले 25 वर्षों में छत्तीसगढ़ की सिंचाई क्षमता 13.28 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 21.76 लाख हेक्टेयर हो गई है। यानी इस अवधि में 8.48 लाख हेक्टेयर की वृद्धि हुई है, जो 61 प्रतिशत की बढ़ोतरी को दर्शाता है।
प्रदर्शनी में प्रमुख सिंचाई योजनाओं, नहर तंत्र और जलाशयों को आकर्षक मॉडल के माध्यम से प्रदर्शित किया गया। आगंतुक इंटरएक्टिव नक्शे के जरिए परियोजनाओं की संरचना और उनके लाभों को समझ पा रहे हैं। अटल सिंचाई योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, मैनी नदी पर सौर चालित बगिया दाबित सिंचाई परियोजना, खारंग जलाशय योजना, छपराटोला फीडर योजना और मोहमेला सिरपुर बैराज जैसी परियोजनाएं दर्शकों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं।
राज्य गठन के समय जहाँ केवल 3 वृहद, 29 मध्यम और 1945 लघु सिंचाई परियोजनाएँ थीं, वहीं अब इनकी संख्या बढ़कर क्रमशः 8, 38 और 2514 हो गई है। नहरों की लंबाई भी 14,381 किलोमीटर से बढ़कर 19,371 किलोमीटर हो गई है, जो राज्य की सिंचाई विकास यात्रा को दर्शाती है।
जल संरक्षण में भी छत्तीसगढ़ देशभर में अग्रणी है। राज्य ने 4,05,563 जल संरक्षण कार्यों के साथ राष्ट्रीय स्तर पर दूसरा स्थान हासिल किया है। रायपुर नगर निगम ने 33,082 कार्य पूरे कर प्रथम स्थान प्राप्त किया है, जिसके लिए उसे 2 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि मिलेगी। बालोद और राजनांदगांव को भी उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए 2-2 करोड़ रुपये का पुरस्कार मिलेगा। यह उपलब्धियाँ छत्तीसगढ़ की जनभागीदारी आधारित जल संरक्षण नीति की सफलता का प्रतीक हैं।



