छत्तीसगढ़बेमेतरा

विभाग की सुस्ती पड़ रही भारी, एक कमरे में संचालित अस्पतालों को नर्सिंग होम एक्ट का लाइसेंस जारी करने का कारनामा, स्वास्थ विभाग पर उठे सवाल, प्राइवेट अस्पतालों में इलाज करा रहे मरीजों की जान जोखिम में

दुर्गा प्रसाद सेन@बेमेतरा। करोड़ों रुपए की लागत का स्ट्रक्चर, फिर भी नियमों को ताक पर रखकर प्राइवेट अस्पताल का संचालन किया जा रहा है । जिला मुख्यालय में नर्सिंग होम एक्ट का खुला उल्लंघन किया जा रहा है । आलम यह है कि जिन अस्पताल का धरातल पर अस्तित्व नहीं है, उन्हें कागजों में नर्सिंग होम एक्ट के तहत लाइसेंस जारी करने का कारनामा स्वास्थ्य विभाग की ओर से किया गया है । इसके अलावा करोड़ों की लागत से बने प्राइवेट अस्पताल बिना लाइसेंस संचालित हो रहे हैं । उल्लेखनीय है कि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय की ओर से जिले भर में 82 स्वास्थ्य संस्थानों को नर्सिंग होम एक्ट का स्थाई लाइसेंस जारी किया गया है । इस सूची में चौकाने वाले स्वास्थ्य संस्थानों के नाम शामिल किए गए हैं । वर्तमान में जिन अस्पतालों का अस्तित्व नहीं है, उन्हें भी स्थाई लाइसेंस जारी किया गया है ।  जो विभाग की गंभीर चूक को दर्शाता है । 

लाइसेंस जारी अस्पतालों की नहीं हो रही नियमित जांच

विभाग से मिली जानकारी के अनुसार नर्सिंग होम एक्ट के तहत जारी लाइसेंसों का रिन्यूअल 5 मार्च 2021 को कोरोना महामारी के दौरान किया गया था ।उसमें मरीजों के उपचार को ध्यान में रखकर तत्कालीन कलेक्टर के आदेश पर प्राइवेट अस्पतालों को पूर्व में जारी लाइसेंस का रिन्यूअल कर दिया गया था । उस समय रिन्यूअल किए गए अस्पतालों के लाइसेंस को अब तक जांच करने की जरूरत नहीं समझी गई । इससे विभाग की गंभीरता का सहज अंदाजा लगाया जा सकता है । 

नियमों का खुला उल्लंघन, इलाज के नाम पर लूट

जिला मुख्यालय में सभी प्राइवेट हॉस्पिटल आवासीय और कमर्शियल परिसर में खोले गए हैं । अस्पताल संचालन में नर्सिंग होम एक्ट समेत अन्य नियमों का खुला उल्लंघन किया जा रहा है । इन प्राइवेट अस्पतालों में इलाज के नाम पर लूट मचा रखी है । बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के नाम पर प्राइवेट अस्पताल प्रबंधन मरीजों के साथ धोखा कर रहे रहे है । दावों के विपरीत उपलब्ध सुविधाएंं सिर्फ कागजो तक सीमित है । जिनकी नर्सिंग होम एक्ट के तहत जांच जरूरी है । 

इन मापदंडों को पूरा करने के बाद नर्सिंग होम एक्ट के तहत मिलता है लाइसेंस

नर्सिंग होम एक्ट के तहत पंजीयन के लिए संबंधित संस्थान को मेडिकल वेस्ट डिस्पोजल, फायर सेफ्टी सिस्टम की सुविधा होने का प्रमाण पत्र, मान्यता प्राप्त डॉक्टर का प्रमाण पत्र, नर्सिंग होम खोले जाने वाले स्थान का पता के साथ निर्धारित की गई राशि का चेक आवेदन के साथ संलग्न करना होता है । इन सभी मापदंड को पूरा करने के बाद संस्थान एक्ट के तहत पंजीयन के लिए ऑनलाइन आवेदन करते हैं । अस्थाई पंजीयन के बाद प्रशासन की टीम एक्ट के मापदंडों के तहत जांच के लिए संबंधित संस्थान पहुंचती है । यहां निरीक्षण के दौरान पाई गई कमियों को दूर करने के लिए 6 माह का समय दिया जाता है । समय सीमा में कमी दुरुस्त होने के बाद ही जिला स्वास्थ्य विभाग की ओर से स्थाई लाइसेंस जारी किया जाता है ।  

बिना लाइसेंस अस्पताल संचालित करने की शिकायत

शहर के मोहभट्ठा मार्ग पर करोड़ो की लागत से बने चेतना नर्सिंग होम का बिना लाइसेंस संचालन की शिकायत मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से कर कार्रवाई की मांग की गई है । विभाग से मिली जानकारी के अनुसार अस्पताल के स्थान परिवर्तन की पूर्व सूचना विभाग को नहीं दी गई । पूर्व सूचना दिए जाने के स्थिति में स्वास्थ्य विभाग की टीम अस्पताल के निरीक्षण पर पहुंचती । जहां नर्सिंग होम एक्ट की गाइड लाइन के अनुसार जांच कर लाइसेंस की प्रक्रिया को पूर्ण किया जाता । यहां पाई जाने वाली कमियों को समय-सीमा में दुरुस्त किए जाने के निर्देश दिए जाते हैं । 

स्थान परिवर्तन की विभाग को नहीं दी गई पूर्व सूचना

चेतना अस्पताल प्रबंधन की ओर से नियमों का पालन नहीं किया गया ।  वर्तमान में सोनोग्राफी मशीन बिना लाइसेंस संचालित की जा रही है । अस्पताल का संचालन पूर्ण रूप से शुरू होने के बाद विभाग को स्थान परिवर्तन की सूचना देने के साथ लाइसेंस के लिए आवेदन किया गया । ऐसी स्थिति में लाइसेंस निरस्त माना जाता है क्योंकि स्थान परिवर्तन की पूर्व सूचना के साथ आवेदन किया जाना था । 

एक कमरे और घर में संचालित अस्पताल को लाइसेंस जारी

शहर के दुर्ग मार्ग पर नेत्र अस्पताल को लाइसेंस जारी किया गया है,  लेकिन यह अस्पताल कहां संचालित हो रहा है, इसका अता-पता नहीं है । 

केस 02 :- शहर के बस स्टैंड में 100 वर्ग फीट की दुकान में संचालित क्लीनिक को लाइसेंस जारी किया गया है, जो नियमों का घोर उल्लंघन है । 

केस 03 :- रायपुर मार्ग स्थित अस्पतालों में सर्जरी के लिए निश्चेतना विशेषज्ञ के स्थान पर झोलाछाप की सेवाएं ली जा रही हैं । स्पष्ट है यहां नियमों का उल्लंघन कर मरीजों की जान जोखिम में डाली जा रही है । 

कलेक्टर बेमेतरा ने कहा कि नर्सिंग होम एक्ट लाइसेंस के उल्लंघन की जानकारी जिला स्वास्थ्य विभाग से ली जाएगी । उल्लंघन पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। सीएमएचओ बेमेतरा ने कहा कि इस संबंध में शिकायत मिली है । जांच के लिए विभाग की टीम का गठन किया गया है । प्रतिवेदन के आधार पर कार्रवाई की जाएगी । 

Related Articles

Back to top button