नई दिल्ली। केंद्रीय खान मंत्रालय (Ministry of Mines) इस महीने के अंत तक जम्मू कश्मीर के रियासी जिले (Reasi district) में खोजे गए 59 लाख टन लिथियम भंडार के लिए बहुप्रतीक्षित नीलामी का ढांचा जारी करने की तैयारी में है। खान एवं खनिज (विकास एवं नियमन) संशोधन विधेयक, 2023 (Mines and Minerals (Development and Regulation) Amendment Bill, 2023) को हाल ही में संसद से मंजूरी मिली है, जिससे व्यापक नीलामी का ढांचा तैयार करने के प्रयास में तेजी आई है।
खान मंत्रालय के सचिव विवेक भारद्वाज ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि मंत्रालय जम्मू कश्मीर में लिथियम खनन की नीलामी की समयसीमा तय करने को अंतिम रूप देने में लगा है।
भारद्वाज ने कहा, ‘विधेयक को संसद से मंजूरी मिलने के बाद हम नीलामी ढांचे के प्रारूप को आकार देने में लगे हैं।’ यह कदम भारत के खनिज संसाधनों के सतत विकास के लक्ष्य के अनुरूप है और इनोवेटिव तथा आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।
हालांकि नीलामी की समयसीमा अभी तय नहीं की गई है मगर भारद्वाज ने 2 मई को उद्योग के एक कार्यक्रम में घोषणा की थी कि नीलामी साल के अंत तक की जाएगी। सरकार ने आगामी नीलामी के लिए जम्मू कश्मीर प्रशासन को लेनदेन सलाहकार नियुक्त करने की भी सिफारिश की है।
5 खनिजों को मिली अनुमति
केंद्र सरकार द्वारा लिथिमय सहित 5 अन्य परमाणु खनिजों – बेरेलियम, नियोबियम, टाइटेनियम, टेनटालियम और जिरकोनियम से बंदिश हटाते हुए निजी क्षेत्र को भी इसके अन्वेषण एवं खनन की अनुमति दी है, जिससे देश में ऊर्जा आत्मनिर्भरता और स्थिरता बढ़ने की संभावना है।
30 क्रिटिकल मिनरल्स की लिस्ट हुई थी जारी
केंद्र सरकार ने 28 जून को 30 महत्त्वपूर्ण खनिजों (critical minerals) की पहली सूची जारी की है। जिन्हें राष्ट्र के आर्थिक एवं तकनीकी विकास के लिए महत्त्वपूर्ण माना गया है।
इस सूची में शामिल 30 खनिजों में से 17 दुर्लभ पृथ्वी तत्त्व (रेयर अर्थ एलिमेंट) और 6 प्लेलिटन-समूह के तत्त्व हैं। इनमें से प्रत्येक को उनके आर्थिक महत्त्व और भारत के भूगर्भीय भंडार में सीमित उपलब्धता के लिए महत्त्वपूर्ण श्रेणी में वर्गीकृत किया गया है।
लिथियम की नीलामी पूरी होने से वैश्विक लिथियम बाजार में प्रमुख भागीदार बनने की दिशा में भारत का सफर तेजी से आगे बढ़ सकता है। इस कदम से स्मार्टफोन से लेकर इलेक्ट्रिक वाहनों तक सभी को बिजली (पावर) देने के मामले में आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी।
संयुक्त राष्ट्र वैज्ञानिक सर्वेक्षण 2022 के अनुसार लिथियम और इसके घटक के कई औद्योगिक, तकनीकी और चिकित्सकीय उपयोग है मगर इसकी 80 फीसदी खपत बैटरियों के बनाने में होता है।
लिथियम भंडार के मामले में भारत का 7वां स्थान, कैसी है भारत की परफॉर्मेंस?
भारतीय भूवैज्ञानित सर्वेक्षण ने जम्मू कश्मीर में 59 लाख टन लिथियम के भंडार का पता लगाया है जिससे भारत लिथियम के बड़े भंडार वाले देशों की सूची में 7वें स्थान पर आ गया है। संयुक्त राष्ट्र वैज्ञानिक सर्वेक्षण 2022 की रिपोर्ट के अनुसार दुनिया भर में कुल 9.8 करोड़ टन लिथियम का भंडार है। भारत के नए भंडार को इसमें शामिल करने से कुल आंकड़ा बढ़कर 10.39 करोड़ टन हो जाएगा।
शीर्ष 6 देशों बोलिविया, अर्जेंटीना, अमेरिका, चिली, ऑस्ट्रेलिया और चीन के पास दुनिया के कुल ज्ञात लिथियम का 76 फीसदी भंडार है।
भारत में अरबों डॉलर के लिथियम आयन बैटरियों का होता है आयात
वर्तमान में भारत लिथिमय की अपनी मांग के लिए व्यापक तौर पर आयात पर निर्भर है। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 2022-23 में 2.8 अरब डॉलर मूल्य के लिथियम आयन बैटरियों का आयात किया गया था, जिनमें से 95 फीसदी से ज्यादा हॉन्ग कॉन्ग और चीन से आयात किए गए थे।
जम्मू कश्मीर में लिथियम का खनन शुरू होने देश में घरेलू रिफाइनिंग क्षेत्र का भी विकास होगा। मौजूदा समय में चीन के पास दुनिया के करीब 85 फीसदी लिथियम रिफाइनिंग क्षमता है। चिली और ऑस्ट्रेलिया 70 फीसदी से ज्यादा लिथियम का उत्पादन करता है लेकिन दोनों देश रिफाइनिंग का काम चीन में कराते हैं।