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उच्च शिक्षा में डिजिटल बदलाव की रफ्तार तेज: मंत्री टंकराम वर्मा बोले गुणवत्ता हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता

रायपुर। उच्च शिक्षा मंत्री टंकराम वर्मा की अध्यक्षता में मंत्रालय में आयोजित विस्तृत समीक्षा बैठक में राज्य की उच्च शिक्षा व्यवस्था को आधुनिक, पारदर्शी और गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक में उच्च शिक्षा सचिव डॉ. एस. भारतीदासन, आयुक्त संतोष देवांगन समेत वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

मंत्री वर्मा ने स्पष्ट कहा कि गुणवत्ता युक्त शिक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और इसके लिए विभाग को और अधिक सक्रियता व जिम्मेदारी से काम करना होगा। बैठक में सभी विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में ई-क्लासरूम, स्टूडियो निर्माण और डिजिटल शिक्षण संसाधनों को मजबूत करने पर विस्तृत चर्चा हुई। प्राचार्यों को निर्देश दिया गया कि वे प्राध्यापकों से व्याख्यान रिकॉर्ड कर विद्यार्थियों तक उपलब्ध कराएं तथा भारतीय ज्ञान परंपरा को पाठ्यक्रम में शामिल करने की प्रक्रिया तेज करें।

बायोमेट्रिक उपस्थिति अनिवार्य, समय पर अनुपस्थित रहने वालों पर कार्रवाई के आदेश दिए गए। मंत्री ने स्पष्ट कहा कि प्राचार्य प्रतिदिन सुबह 10:30 से शाम 5:30 बजे तक कॉलेज में मौजूद रहें और नियमित निरीक्षण करें।
NEP-2020 को प्रभावी रूप से लागू करने, अतिथि व्याख्याताओं को प्रशिक्षण देने और अकादमिक कैलेंडर का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए गए।

न्यायालयीन प्रकरणों में देरी पर नाराजगी जताते हुए मंत्री ने समयबद्ध कार्रवाई सुनिश्चित करने कहा। वहीं उच्च शिक्षा सचिव ने इंटरनेट, ऑनलाइन सामग्रियों और प्रशासनिक प्रक्रियाओं को और बेहतर बनाने की जरूरत बताई।

बैठक में यह भी निर्णय हुआ कि—

  • सहायक प्राध्यापकों के परीवीक्षा समाप्ति आदेश 15 दिन में जारी हों।
  • न मांग, न जांच वाली नियुक्ति फाइलें 7 दिन में निपटें।
  • पीएचडी अनुमति के लंबित प्रकरण 15 दिन में स्वीकृत हों।
  • वरिष्ठता सूची एक सप्ताह में प्रकाशित की जाए।
  • डीपीसी प्रक्रिया पूरी कर 24 दिसंबर 2025 तक पदोन्नति दी जाए।
  • विश्वविद्यालयों में ज्ञानअर्जन पोर्टल लागू किया जाए।
  • EHRMS में सभी शिक्षकों का डाटा जनवरी 2026 तक ऑनलाइन किया जाए।

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