राजिम कुंभ की संख्या हजारो में सिमटी, दूसरे राज्य से आए कारोबारी हुए निराश
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राजिम। छत्तीसगढ़ का प्रसिद्ध राजिम कुंभ इस बार कुछ अलग नजर आ रहा है। इसे छत्तीसगढ़ का प्रयागराज भी कहा जाता है, और हर साल लाखों श्रद्धालु यहां आकर ध्यान और स्नान करते हैं। लेकिन इस बार भीड़ पहले जैसी नहीं है। जहां पहले लाखों लोग आते थे, इस बार यह संख्या हजारों में सिमट गई है।
खासतौर पर दिन के समय दुकानदार और खरीदार दोनों ही कम दिखाई दे रहे हैं। हालांकि, शाम को थोड़ी रौनक देखने को मिलती है, लेकिन फिर भी पहले जैसी बात नहीं है। इस बदलाव के कई कारण हैं। दिन में तेज गर्मी बढ़ने के कारण लोग दिन के समय आने से बच रहे हैं। इसके अलावा, छात्रों की परीक्षाएं, किसान का रबी फसल लगाने का समय और पंचायत चुनाव जैसी घटनाओं ने भी श्रद्धालुओं की संख्या में कमी की है।
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राजिम कुंभ में इस बार मध्यप्रदेश और राजस्थान के दुकानदार भी आए हैं। भोपाल से लोहे की कढ़ाई और तवे की दुकानें और राजस्थान के लोहार मीना बाजार में दुकानें लगी हैं, लेकिन अभी भी भीड़ कम दिख रही है। दूसरे राज्य से आए कारोबारियों ने निराशा व्यक्त की है। उनका कहना है, कि हर साल की तरह इस साल बिक्री नहीं हो रही है। लोगों की संख्या भी कम है, इस वजह से उनका व्यापार ठंडा पड़ा है7
सीसीटीवी कैमरों से निगरानी, हर सड़क पर पुलिस तैनात
स्थानीय स्तर पर मेला क्षेत्र नेहरू गार्डन के पास बनाया गया है, जहां पुलिस की कड़ी सुरक्षा भी देखने को मिल रही है। पंडित श्यामाचरण शुक्ल चौक से लेकर मेला स्थल तक कई स्थानों पर बेरिकेटिंग और सुरक्षा व्यवस्था की गई है।