रायपुर में ISIS कनेक्शन का खुलासा: पुलिस और ATS ने दो संदिग्धों को पकड़ा, पाकिस्तान मॉड्यूल की सक्रियता सामने आई

रायपुर। राजधानी रायपुर में बुधवार को पुलिस और एटीएस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए ISIS से जुड़े दो संदिग्धों को हिरासत में लिया है।
एटीएस को इनकी गतिविधियों को लेकर पहले से गुप्त जानकारी मिल रही थी, जिसके आधार पर संयुक्त टीम ने छापेमारी की। फिलहाल सभी संदिग्धों से पूछताछ जारी है। एजेंसियां यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि आरोपी किसी बड़ी घटना की साजिश में तो शामिल नहीं थे।
कार्रवाई पर गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि एटीएस की लंबी और निगरानी आधारित जांच का यह अहम परिणाम है। उन्होंने बताया कि रायपुर के दो युवा ISIS से जुड़कर पाकिस्तान के मॉड्यूल के लिए काम कर रहे थे।
दोनों सोशल मीडिया में फर्जी आईडी बनाकर सक्रिय थे और पाकिस्तान में बैठे संचालकों से सीधे संपर्क में थे। वे ऑनलाइन कट्टरपंथी सामग्री फैलाकर अन्य युवाओं को प्रभावित कर रहे थे। गृहमंत्री ने कहा कि एटीएस की टीम को और मजबूत किया जाएगा, ताकि ISIS जैसी संगठनों से जुड़े हर व्यक्ति की पहचान कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सके।
कट्टरपंथी ऑडियो-वीडियो बरामद, दो आरोपी नाबालिग
सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान स्थित ISIS मॉड्यूल फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट्स के जरिए भारतीय युवाओं का ब्रेनवॉश करने की कोशिश कर रहा था। आरोपियों के पास से एटीएस को कट्टरपंथी ऑडियो और वीडियो मैसेज मिले हैं। पकड़े गए तीन संदिग्धों में से दो नाबालिग बताए जा रहे हैं, जिनकी पहचान कर ली गई है।
छत्तीसगढ़ में मॉड्यूल खड़ा करने की साजिश
जांच में यह भी सामने आया है कि ISIS छत्तीसगढ़ में अपना मॉड्यूल तैयार करने की कोशिश कर रहा था। कई किशोरों को व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़कर कट्टरपंथी सामग्री भेजी जा रही थी। उद्देश्य था कि उनका ब्रेनवॉश कर उन्हें आतंकी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किया जा सके।
15 नवंबर को दर्ज हुआ था मामला
एटीएस को कुछ दिन पहले ही इस मॉड्यूल के सक्रिय होने की जानकारी मिली थी। साइबर मॉनिटरिंग के बाद 2 नाबालिग लड़कों की पहचान की गई और 15 नवंबर की शाम मुकदमा दर्ज कर पूरे नेटवर्क को खंगाला गया।
एटीएस की आगे की जांच जारी है और कई और खुलासे होने की उम्मीद है।





