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महिला सशक्तिकरण का प्रतीक ‘लखपति दीदी’ पहल: उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन ने कहा; यह भारत के लोकतंत्र और महिलाओं की शक्ति का जीवंत उदाहरण

रायपुर। उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन ने छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में आयोजित ‘लखपति दीदी सम्मेलन’ में भाग लेते हुए महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास और जमीनी स्तर पर लोकतंत्र के मॉडल के रूप में इस पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि “लखपति दीदी” शब्द केवल आय का प्रतीक नहीं, बल्कि स्वतंत्रता, सम्मान और आत्मविश्वास का प्रतीक है।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का तीन करोड़ “लखपति दीदी” बनाने का संकल्प महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण की दिशा में ऐतिहासिक कदम है। छत्तीसगढ़ में इस पहल ने विशेष रूप से उल्लेखनीय परिणाम दिए हैं, जहाँ पांच लाख से अधिक महिलाएं स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से आत्मनिर्भर बन चुकी हैं।

उन्होंने राज्य सरकार और जिला प्रशासन के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए बताया कि 9,663 स्वयं सहायता समूहों के जरिए एक लाख से अधिक महिलाओं को जोड़ा गया है और 700 करोड़ रुपये से अधिक की वित्तीय सहायता दी गई है। महिला सम्मान योजना के तहत 13,000 करोड़ रुपये की राशि का सीधे लाभार्थियों को हस्तांतरण महिला सशक्तिकरण का मजबूत उदाहरण है।

उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन ने कहा कि लोकतंत्र केवल संसद में नहीं, बल्कि ग्राम सभाओं, पंचायतों और स्वयं सहायता समूहों में भी जीवित है। लखपति दीदी आंदोलन ने पारदर्शिता, भागीदारी और आत्मनिर्भरता के माध्यम से लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत किया है।

उपराष्ट्रपति ने छत्तीसगढ़ की प्रगति, बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और नक्सलवाद पर नियंत्रण के प्रयासों की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि राज्य में आज शांति और विकास सामूहिक राजनीतिक इच्छाशक्ति और सुशासन का परिणाम है।

कार्यक्रम के दौरान उन्होंने उदयाचल स्वास्थ्य एवं अनुसंधान संस्थान के नए भवन का उद्घाटन किया और स्वास्थ्य, पर्यावरण व सामुदायिक सेवा में महिलाओं की भागीदारी की सराहना की।

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