
मनीष सरवैया@महासमुन्द। जिले के ग्राम बिमचा स्थित प्राथमिक शाला के प्रधान पाठक गैर कानूनी तरिके से मध्यान भोजन चला रहे हैं। महिला समिति का लाखों रुपए डकार गए। महिला समिति के शिकायत के बाद भी विभाग और प्रशासन प्राचाार्य को बचाने का प्रयास कर रहा। महासमुन्द जिला शिक्षा कार्यालय से लगे ग्राम में यह हाल हो रहा है। इससे अंदाजा लगा सकते है कि जिले के सुदूरवर्ती इलाकों में मध्यान भोजन की क्या स्थिती होगी। शिक्षा विभाग की लापरवाही और प्रधान पाठकों द्वारा मध्यान भोजन गैर कानूनी तरिके से संचालित करने का यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे भी पहले इस तरीके के मामले प्रकाश में आए हैं और शिक्षा विभाग ने जांच के नाम पर खाना पूर्ति कर मामले को रफा दफा कर दिया है। स्व सहायता समहू की महिलाओं ने कहा है कि प्रधान पाठक के खिलाफ कार्यवाही नहीं होती कार्रवाई तो करेंगे भूख हड़ताल
हम आपको बता दें कि महासमुन्द जिले के ग्राम बिमचा का प्रथामिक शाला इन दिनों प्रधान पाठक के कारनामें की वजह से सुर्खियों में हैं। जिस विश्व महिला समिति के नाम से प्रधान पाठक कोमल ध्रुव पिछले 10-12 साल से मध्यान्ह भोजन संचालित कर शासन का करोड़ों रुपए डकार गये वहीं समिति को जो राशि प्रतिमाह देने का वादा किया था उसे भी प्रधान पाठक ने नहीं दिया।
विश्वविश्वा स्वसहायता समूह के की प्रथम महिला अध्यक्ष स्व. शकुंतला निर्मलकर थी। जिन्होंने ग्राम की महिलाओं के साथ यह समूह प्रारंभ किया था। शासकीय प्राथमिक शाला बिमचा के प्रधान पाठक ने महिलाओं से बल पूर्वक मध्यान्ह भोजन का संचालन शुरू कर दिया और इसके एवज में स्व सहायता समूह को प्रति माह 5 हजार रुपए देने की बात कही थी। लेकिन पिछले 10-12 सालों में प्रधान पाठक ने एक रुपए भी समूह को नहीं दिया। मामले का खुलासा तब हुआ जब शकुंतला निर्मलकर का देहांत उपरांत नम्रता निर्मलकर को विश्वा स्व सहायाता समूह का अध्यक्ष बनाया गया। विश्वा स्व सहायाता समूह के खाते से प्रतिमाह प्रधान पाठक कोमल ध्रुव स्वयं बैंक जाकर अपने खाते में मध्यान्ह भोजन की राशि स्थानांतरित करवाता था। इस तरह से यह खेल चल रहा था। वर्तमान अध्यक्ष नम्रता निर्मलकर को जब मामले की जानकारी हुई तब उन्होंने आज से एक साल पहले मामले की शिकायत विकासखंड शिक्षा अधिकारी और अनुविभागीय अधिकारी महासमुन्द से की। लेकिन पिछले एक साल से अब तक प्रधान पाठक पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। विश्वा स्वसहायता समूह की महिलाएं जब अधिकारियों के पास जाती है तब विभाग के अधिकारी आपस में बातचित कर मामले को रफा दफा करने का सलाह देते हैं।
महासमुन्द विकासखंड शिक्षा अधिकारी एम टी साहू का कहना है कि महिलाओं की शिकायत हुई है जिस पर सोकाज नोटिस दिया गया है। पिछले 10-12 सालों से यह कैसे चल रहा है इसकी मुझे जानकारी नहीं है। तात्कालिन विकासखंड शिक्षा अधिकारियों ने क्यों इस मामले पर कोई एक्शन नहीं लिया में कुछ नहीं कह सकता है। शासकीय प्राथमिक शाला के प्रधान पाठक का कहना है कि विश्वा स्व सहायता समूह द्वारा मेरे ऊपर लगाये जा रहे सारे आरोप झूठे हैं।