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सरकार बोली- नेहरू के 51 दस्तावेज सोनिया गांधी के पास, PMML में होने चाहिए सार्वजनिक

दिल्ली। केंद्र सरकार ने बुधवार को स्पष्ट किया कि देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से जुड़े निजी दस्तावेज (पेपर) गायब नहीं हैं, बल्कि उनका पता है। ये 51 कार्टन पेपर्स 2008 में सोनिया गांधी के अनुरोध पर उनके पास भेजे गए थे। सरकार ने कहा कि ये दस्तावेज उनकी निजी संपत्ति नहीं, बल्कि देश की ऐतिहासिक धरोहर हैं और इन्हें प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय (PMML) में होना चाहिए ताकि शोधकर्ता और आम जनता इन तक पहुंच सके।

संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि PMML ने कई बार पत्र भेजकर दस्तावेजों की वापसी की मांग की है। 2025 में 28 जनवरी और 3 जुलाई को भी पत्र भेजे गए, लेकिन अब तक पेपर्स लौटाए नहीं गए। शेखावत ने कहा कि पारदर्शिता लोकतंत्र की नींव है और ये दस्तावेज बंद दरवाजों के पीछे नहीं होने चाहिए।

इस विवाद पर कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा कि सरकार ने मान लिया है कि कोई दस्तावेज गायब नहीं है, इसलिए झूठे आरोपों के लिए माफी मांगनी चाहिए। शेखावत ने जवाब में कहा कि सोनिया गांधी से आग्रह किया जाना चाहिए कि वे अपने वादे के अनुसार दस्तावेज PMML को लौटा दें।

PMML सोसाइटी के अध्यक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उपाध्यक्ष रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह हैं। मंत्रालय ने कहा कि दस्तावेज का ऐतिहासिक और शैक्षणिक महत्व है, इसलिए इनका संग्रहालय में होना जरूरी है। नेहरू के निधन के बाद NMML का गठन हुआ, जिसे 2023 में प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय नाम दिया गया। इस कदम से नेहरू से जुड़े महत्वपूर्ण ऐतिहासिक रिकॉर्ड आम जनता और शोधकर्ताओं के लिए उपलब्ध होंगे और पारदर्शिता सुनिश्चित होगी।

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