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किसान को 15 साल बाद मिलेगा बैल के बीमा का मुआवजा

रायपुर। रायपुर के किसान नथेलू सतनामी को अब 15 साल बाद अपने बैल के बीमे का मुआवजा मिलने जा रहा है। नथेलू ने 2005 में बैंक से लोन लेकर 17 हजार रुपए में दो बैल खरीदे थे और उन्हें न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी के माध्यम से बीमा कराया। बीमा अवधि 26 जून 2005 से 27 जून 2010 तक थी।

12 नवंबर 2009 को एक बैल की मौत हो गई। किसान ने बैंक के माध्यम से बीमा कंपनी में क्लेम किया, लेकिन कंपनी ने समय पर दावा राशि नहीं दी। 22 नवंबर 2011 को उन्होंने बीमा कंपनी को पत्र भेजकर मुआवजे की मांग दोबारा की, लेकिन कंपनी ने किसी भी तरह का जवाब नहीं दिया। 9 नवंबर 2015 को विधिक नोटिस भेजने के बावजूद भी कंपनी की ओर से कोई कार्रवाई नहीं हुई।

इस स्थिति में किसान ने उपभोक्ता फोरम का रुख किया। फोरम ने अब फैसला सुनाया है कि बीमा कंपनी को बैंक के माध्यम से किसान को मृत बैल का मुआवजा राशि प्रदान करना होगा। इस आदेश के बाद नथेलू सतनामी को 2010 में हुई बैल की मौत का उचित मुआवजा मिलेगा।

किसान ने बताया कि यह मामला उनके लिए लंबे समय तक तनाव का कारण रहा। बीमा न मिलने के कारण उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा। अब उपभोक्ता फोरम के आदेश से न केवल उन्हें मुआवजा मिलेगा, बल्कि भविष्य में किसानों के लिए यह एक मिसाल भी बनेगा कि बीमा क्लेम में देरी या अनदेखी को कानून स्वीकार नहीं करता।

इस मामले में यह भी स्पष्ट हुआ कि बैंक के माध्यम से बीमा कराने के बावजूद, बीमा कंपनी की जिम्मेदारी होती है कि समय पर क्लेम राशि प्रदान की जाए। अब बैंक और बीमा कंपनी को आदेश का पालन करना होगा और मृत बैल के लिए क्लेम राशि के साथ उचित मुआवजा किसान को देना होगा।

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