तालाबों का अस्तित्व खतरे में, जलस्त्रोत को पाटकर फैलाई जा रही गंदगी, नगर पंचायत भी बना है उदासीन

गोपाल शर्मा@जांजगीर। जिले के शिवरीनारायण में नगर पंचायत की उदासीनता से तालाबों का अस्तित्व खतरे में दिखाई दे रहा है। पैसों को पानी की तरह बहाकर जिन तालाबों का जिर्णोद्धार करवाया गया उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। पानी के सूखने की स्थिति वहां कुड़ा करकट डाला जा रहा है। इतना ही नहीं सेप्टिक टैंक से निकलने वाले गंदे पानी को तालाब में फेंका जा रहा है। जिससे लोगों को का जीना दुभर हो गया है।
भीषण गर्मी में पानी को लेकर चारों तरफ हाहाकर मचा हुआ है। लोगों को समस्या से निजात दिलाने जहां विकल्प तलाशा जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ जल स्त्रोतों को पाटकर उसमें कचरा पाटा जा रहा है। जांजगीर जिले के शिवरीनारायण में कुछ ऐसे ही हालत बने हुए हैं। जहां लाखों रुपए खर्च कर जिन तालाबों का सौंदर्यीकरण कराया गया था आज वो बदहाली की मार झेल रहे हैं। तालाब का पानी सूखने की स्थिति में उसे पाटकर गंदगी फैलाई जा रही है। कुड़ा करकट फेंकने के साथ ही सेप्टिक टैंक का गंदा पानी डाला जा रहा है। जिस स्थान पर यह काम हो रहा है वहीं पर मंदिर,मस्जिद,काॅलेज व लाईब्रेरी है। जहां आने वाले लोग दुर्गंध के कारण काफी परेशान है।
वर्तमान अध्यक्ष तालाबों के अस्तित्व को मिटाने में जुटे
नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष तालाबों के सौंदर्यीकरण की दिशा में काफी मेहनत की थी। लेकिन वर्तमान अध्यक्ष उन्हीं तालाबों के अस्तित्व को मिटाने में लगा हुआ है। तालाबों की स्थिती को सुधारने जल्द ठोस कदम नहीं उठाया गया तो आने वाले समय में आम जनता को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।