युक्तियुक्तकरण नीति से बदले शिक्षा के हालात, दूरस्थ स्कूलों में विशेषज्ञ शिक्षक तैनात

कांकेर। छत्तीसगढ़ सरकार की युक्तियुक्तकरण नीति ने राज्य के दूरस्थ अंचलों में शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने की नई राह खोली है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देश पर शिक्षकों की तैनाती की प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता के साथ तेज़ी से संपन्न की गई है। कलेक्टर निलेशकुमार महादेव क्षीरसागर के मार्गदर्शन में जिले में यह प्रक्रिया सुचारू और निष्पक्ष ढंग से पूरी की गई, जिससे शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक सकारात्मक प्रभाव देखने को मिल रहा है।
अब तक जिन स्कूलों में शिक्षक नहीं थे या केवल एक शिक्षक कार्यरत थे, वहां अब विषय विशेषज्ञ शिक्षक तैनात किए गए हैं। इससे गणित, विज्ञान, रसायन और जीवविज्ञान जैसे जटिल विषयों की पढ़ाई बेहतर ढंग से हो सकेगी। शिक्षकों ने भी इस पारदर्शी व्यवस्था पर भरोसा जताया है। शिक्षिका सिंधु श्रीवास्तव ने बताया कि काउंसलिंग के दौरान रिक्त पदों की जानकारी स्क्रीन पर दी गई, जिससे चयन में कोई भ्रम नहीं रहा। वरिष्ठ शिक्षक मनोज कुमार जैन ने कहा कि सेवा समाप्ति से पहले उन्हें मनपसंद विद्यालय चुनने का अवसर मिला, यह एक सराहनीय पहल है। आत्माराम मंडावी को उनके ही ब्लॉक में पदस्थ किया गया, जो उनके लिए सुखद आश्चर्य रहा।
शिक्षकों का कहना है कि कलेक्टर, सीईओ और जिला शिक्षा अधिकारी की प्रत्यक्ष मौजूदगी से काउंसलिंग की विश्वसनीयता सिद्ध हुई। यह पहल न केवल शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाएगी बल्कि समावेशी शिक्षा व्यवस्था की दिशा में भी एक बड़ा कदम साबित होगी। शिक्षक समुदाय ने इस प्रभावी नीति के लिए राज्य सरकार और प्रशासन का आभार जताया है।