केंद्र सरकार रूस से S-400, S-500 मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीदेगा!

दिल्ली। भारत रूस से और S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीद सकता है। पहले 5 सिस्टम की डील हुई थी, जिनमें से 3 भारत को मिल चुके हैं। नई डील इन तीनों के अतिरिक्त होगी। PTI के सूत्रों के अनुसार, दिसंबर में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे के दौरान इस डील पर बातचीत हो सकती है। S-400 सिस्टम ने ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान की ड्रोन और मिसाइल हमलों को नाकाम करने में सफलता हासिल की थी।
भारत ने अक्टूबर 2018 में रूस के साथ 5 अरब डॉलर की डील की थी। उस समय अमेरिका ने चेतावनी दी थी कि CAATSA कानून के तहत भारत पर प्रतिबंध लग सकता है। भारत S-500 मिसाइल सिस्टम खरीदने पर भी विचार कर रहा है। दोनों सिस्टम आधुनिक एयर डिफेंस के लिए हैं और हवाई हमलों से सुरक्षा प्रदान करते हैं।
S-400 ट्रायम्फ रूस का सबसे एडवांस्ड मिसाइल सिस्टम है, जिसे 2007 में लॉन्च किया गया। यह फाइटर जेट, बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइल, ड्रोन और स्टेल्थ विमानों को मार सकता है। इसकी खासियत है मोबाइल होना, 92N6E रडार से 600 किमी दूर टारगेट डिटेक्ट करना, और ऑपरेशन में 5-10 मिनट में रेडी होना। एक यूनिट 160 ऑब्जेक्ट्स ट्रैक कर सकती है। रेंज 400 किमी और ऊंचाई 30 किमी तक है।
भारत के पास वर्तमान में 3 स्क्वाड्रन हैं
पंजाब (पहली खेप 2021), सिक्किम (दूसरी खेप 2022), और राजस्थान/गुजरात (तीसरी खेप 2023)। रूस 2026 तक 2 और S-400 डिलीवर कर सकता है।
S-500 भविष्य की जंग के लिए तैयारी
यह बैलिस्टिक मिसाइल, हाइपरसोनिक हथियार, लो ऑर्बिट सैटेलाइट और फिफ्थ जेनरेशन विमानों को निशाना बना सकता है। इसकी रेंज 600 किमी, प्रतिक्रिया समय 4 सेकंड से कम, और 10 हाइपरसोनिक टारगेट ट्रैक करने की क्षमता है। फिलहाल रूस के पास 1 ही S-500 है, जो मॉस्को और क्रीमिया में तैनात है। भारत के रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ ने रूस में S-500 में भारतीय रुचि जताई है। इस कदम से भारत की एयर डिफेंस क्षमता और सीमाओं की सुरक्षा और मजबूत होगी।