
नितिन@रायगढ़. आज शासकीय कर्मचारी अधिकारी फैडरेशन के सदस्यों ने रायगढ़ कलेक्ट्रेट के सामने प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारे लगाते हुए सीएम भूपेश बघेल के आदेश की प्रति जलाई.
गौरतलब है कि बीते दो सालों से अपनी दो सूत्रीय मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ के सरकारी कर्मचारी और अधिकारी कई चरणों मे आंदोलन कर चुके हैं। बीते दिनों इन्ही मांगों को लेकर पुनः पांच दिन का विरोध प्रदर्शन किया था।जिसके बाद शासन ने उनके वेतन कटौती के आदेश जारी किए थे। इसे लेकर जिला मुख्यालय के कर्मचारियों में गहरी नाराजगी देखी गई ।आज दोपहर 2 बजे के आसपास फेडरेशन के सदस्य कलेक्ट्रेट भवन के सामने जमा होकर वेतन कटौती के शासन के आदेश की प्रतियां जलाई गई और सरकार विरोधी नारे लगाए।
उनका कहना था कि खुद कांग्रेस पार्टी के मुखिया ने विगत विधानसभा चुनाव के दौरान हमसे वायदा किया था और हमारी मांगों का समर्थन करते हुए कहा था कि सत्ता में आते ही उनकी मांग पूरी की जाएगी परन्तु आज साढ़े तीन साल हो गए कांग्रेस सरकार अपने वायदे को भूल गई। हमारा विरोध इसी बात को लेकर है। लेकिन सरकार ने विरोध प्रदर्शन के जरिये मांगी गई हमारी मांग को पूरा करने के बजाए पांच लाख आंदोलनरत सरकारी कर्मचारियों के पांच दिन के वेतन काटने का जो फरमान जारी किया है. वह पूरी तरह से सरकार की तानाशाही है. हम सरकारी आदेश की उक्त प्रति को जलाकर सरकार को चेताना चाहते है कि वो या तो हमारी मांग पूरी करें या सत्ता से विदाई की तैयारी करें । हम लाखों सरकारी कर्मचारी सरकार की नीतियों के व्यवहार से क्षुब्ध है।।