इंद्रावती टाइगर रिजर्व में शिकारियों का आतंक, फंदे में फंसकर बाघ घायल

बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले स्थित इंद्रावती टाइगर रिजर्व के बफर जोन में शिकारियों द्वारा लगाए गए फंदे में फंसकर एक बाघ गंभीर रूप से घायल हो गया। बाघ को रेस्क्यू कर उपचार के लिए भेज दिया गया है, लेकिन इस घटना ने वन्यजीवों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

वन विभाग के अनुसार, बाघ के दोनों पिछले पैर बुरी तरह से तार के फंदे में फंसकर जख्मी हो चुके थे, और उसके घावों में कीड़े और सड़न तक पहुंच चुकी थी। शुरुआती जांच में खुलासा हुआ है कि महाराष्ट्र के गढ़चिरौली से आए शिकारी गिरोह और कुछ स्थानीय ग्रामीण मिलकर इस शिकार को अंजाम दे रहे थे।

शिकारियों की साजिश और गिरोह का खुलासा

जांच में सामने आया है कि महाराष्ट्र के गढ़चिरौली से आए शिकारी गिरोह ने पिछले डेढ़ महीने से बाघ का पीछा किया। वे उसकी खाल और अंगों के लिए फंदे लगाकर उसे जख्मी करने की फिराक में थे।

सर्वे कुन्ना भी इस गिरोह का हिस्सा था। बाघ के जख्म करीब दो से तीन सप्ताह पुराने हैं, जिससे साफ है कि यह शिकार कोई नया नहीं था, बल्कि लंबे समय से योजनाबद्ध तरीके से चल रहा था। वन विभाग का कहना है कि घटनास्थल से मोबाइल डिवाइसेज की लोकेशन ट्रैक की जा रही है, जिससे यह पुष्टि हो सके कि सर्वे कुन्ना की मौत के समय वहां और कौन-कौन मौजूद था। यदि यह साबित होता है कि अन्य ग्रामीण भी मौके पर थे, तो साजिश में संलिप्तता का दायरा और बढ़ सकता है।

वन विभाग अलर्ट मोड में, मामले की जांच जारी

वन विभाग ने अब पूरे क्षेत्र में अलर्ट जारी कर दिया है और शिकारी गिरोह की पहचान में जुट गई है। साथ ही, स्थानीय सहयोगियों की जांच और गिरफ्तारी की प्रक्रिया तेज़ कर दी गई है। यह घटना न सिर्फ वन्यजीव सुरक्षा पर सवाल खड़ा करती है, बल्कि बफर ज़ोन में बढ़ते शिकारी नेटवर्क को लेकर भी गहरी चिंता का विषय बन चुकी है।

Exit mobile version