StateNewsदेश - विदेश

SIR विवाद पर बंगाल में बढ़ा तनाव: आठवीं आत्महत्या, मतुआ समुदाय की भूख हड़ताल शुरू; केरल भी सुप्रीम कोर्ट जाएगा

दिल्ली। स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) यानी वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन को लेकर पश्चिम बंगाल में विवाद गहराता जा रहा है। दक्षिण 24 परगना जिले में बुधवार को सफीकुल गाजी नामक व्यक्ति ने आत्महत्या कर ली। परिजनों के मुताबिक, उसे डर था कि वैध पहचान पत्र न होने पर उसका नाम मतदाता सूची से हट जाएगा और देश से बाहर निकाल दिया जाएगा। तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने इसे SIR से जुड़ी आठवीं आत्महत्या बताया और भाजपा पर भय फैलाने का आरोप लगाया।

इस बीच, मतुआ समुदाय ने ठाकुरनगर में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू की है। टीएमसी सांसद ममता बाला ठाकुर ने कहा कि बांग्लादेश से आए शरणार्थियों को बिना शर्त नागरिकता दी जानी चाहिए। वहीं भाजपा सांसद शंतनु ठाकुर ने इसे टीएमसी की वोट राजनीति बताया।

केरल में सभी दल SIR के खिलाफ एकजुट हो गए हैं। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने घोषणा की है कि राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेगी। DMK पहले ही तमिलनाडु में SIR प्रक्रिया को चुनौती दे चुकी है।

4 नवंबर को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता में 3.8 किमी लंबा विरोध मार्च निकाला था। उन्होंने कहा— “SIR को राजनीतिक हथियार की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है ताकि 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले वोटर लिस्ट में धांधली की जा सके।”

चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि SIR के दौरान किसी भी योग्य मतदाता का नाम नहीं काटा जाएगा। प्रक्रिया के तहत देश के 12 राज्यों में 5.33 लाख BLO घर-घर जाकर वोटर लिस्ट की जांच कर रहे हैं, ताकि फर्जी नाम हटाए जाएं और नए योग्य मतदाता जोड़े जा सकें। आयोग का कहना है कि आशंकाओं की कोई जरूरत नहीं है। अंतिम सूची आपत्तियों के बाद ही प्रकाशित होगी।

Related Articles

Back to top button