
रवि तिवारी@देवभोग. जीवनदायिनी तेल नदी जमीन के लिए काल बनी रही है. देवभोग ब्लॉक के करीब 17 गॉवो में तेल नदी से जमीन का कटाव हो रहा है. नदी के कटाव से एक दशक में लगभग 17 गॉवो की लगभग 300 एकड़ से ज्यादा की जमीन नदी में समा गई हैं. इतना ही नहीं 50 एकड़ से ज्यादा जमीन बंजर हो चुकी है. इन नदियों के कटाव से किसान परेशान हैं.
यहां बताना लाजमी होगा कि देवभोग ब्लॉक के किसान सिंचाई के लिए प्राकृतिक तौर पर नदियों और बारिश पर निर्भर हैं. देवभोग ब्लॉक की जीवनदायिनी तेल नदी यहां के किसानों के लिए लाइफ लाइन है. लेकिन अब यह तेल नदी जमीन के लिए काल बनकर साबित हो रही हैं.. और प्रतिवर्ष दर्जनों एकड़ जमीन को खुद में समा ले रही हैं. ब्लॉक के आधा दर्ज़न गॉवो में तेल नदी के कटाव और बाढ़ के कारण जमीन बंजर हो गई है.
तेल नदी में तेजी से कटाव,कुछ गॉवो पर मंडराया विलिन होने का खतरा-:
देवभोग क्षेत्र के एक दर्ज़न से अधिक गॉव ऐसे हैं जिसमें जमीन का कटाव हर साल तेजी से हो रहा है. देवभोग ब्लॉक के दो गॉवो में कटाव पिछले कुछ सालों में इतनी तेजी से बढ़ा हैं की नदी का पानी गॉव से आधा किलोमीटर की दुरी तक पहुंच गया हैं.. लगातार हो रहे कटाव से इन दो गॉवो में विलीन होने का खतरा मंडराने लगा हैं.. ग्रामीणों की माने तो जल्द ही कटाव रोकने के लिए कोई उचित कदम नहीं उठाया गया तो कुछ सालों में तेल नदी पुरे गॉव की जमीन को लीलते हुए दिखाई देगी…गौरतलब हैं कि तेल नदी से करचिया,भतराबहली कुम्हड़ई खुर्द ,कुम्हड़ईकला , निस्टिगुड़ा, दहीगॉव, सेनमुड़ा, धुमामुड़ा, परवापाली, खुटगॉव, कोदोबेड़ा, पुरनापानी, दबनई, माड़ागॉव, करलागुड़ा,के साथ ही दो से तीन और भी गॉव प्रभावित है. मामले को लेकर करचिया पंचायत के पूर्व सरपंच माधो पारी और उपसरपंच चेतन नायक की माने तो कटाव को लेकर जिम्मेदार अधिकारीयों को जानकारी भी दी जा चुकी हैं लेकिन उन्होंने आज तक उचित कदम उठाना मुनासिब नहीं समझा हैं, इसी के बदौलत हर साल दर्जनों एकड़ जमीन तेल नदी में समा रही हैं…चेतन के मुताबिक कटाव को रोकने के लिए आज तक कोई कदम नहीं उठाया गया है.
कटाव से नदी में समा गयी तीन सौ एकड़ जमीनः देवभोग ब्लॉक में तेलनदी के कटाव से तीन सौ एकड़ जमीन नदी में समा गई है. तेलनदी पिछले एक दशक से अपनी धारा बदल चुकी है, जिससे लगातार कटाव जारी है. वहीं तेलनदी के बाढ़ से करीब 50 एकड़ जमीन बंजर हो चुकी है. बाढ़ का पानी अपने साथ रेत को उठाकर किसानों के खेतों में छोड़ देता है.देवभोग क्षेत्र में दर्जनों गॉवो से होकर करीब 20 किलोमीटर के इलाके से तेल नदी गुजरती है. प्रतिवर्ष 4 से 5 मीटर जमीन को नदी खुद में समा ले रही है. कटाव को लेकर किसान कई बार आवेदन भी कर चुके हैं. लेकिन उनके आवेदन पर कोई सुनवाई नहीं होती.. करचिया के चेतन नायक,ईश्वर निषाद और माधो पारी ने बताया कि कटाव से वो परेशान हैं, सरकार को कुछ पहल करने की जरूरत है. क्योंकि इससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है.
मामले में देवभोग एसडीएम टीकाराम देवांगन ने बताया कि किसानों ने अब तक इस मामले में मेरे समक्ष आवेदन पेश नहीं किया हैं, वहीं आपके माध्यम से मामले की जानकारी मिली हैं, मैं वस्तुस्थिति की पूरी जानकारी लूंगा, इसके बाद उच्च कार्यालय से मार्गदर्शन लेकर उचित कार्रवाई करूंगा…