किसान हितैषी योजनाओं से तकनीकी सशक्तिकरण और आय में निरंतर वृद्धि

रायपुर। बिलासपुर जिले में किसानों के विकास और कृषि क्षेत्र की प्रगति के लिए राज्य सरकार द्वारा कई महत्वपूर्ण योजनाएँ लागू की जा रही हैं।
इनमें एकीकृत खेती प्रणाली, कृषि यांत्रिकीकरण, संसाधन संरक्षण, बागवानी विस्तार, मूल्य संवर्धन और आधुनिक तकनीकों के उपयोग को बढ़ावा देना शामिल है। इन पहलों का मुख्य उद्देश्य किसानों की आय में वृद्धि, उत्पादन क्षमता का विस्तार और कृषि को अधिक वैज्ञानिक तथा लाभकारी बनाना है। छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद से वर्ष 2000 से 2025 के बीच कृषि, सिंचाई, बीमा और किसान सम्मान निधि जैसी योजनाओं ने किसानों को आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
फसल बीमा में बढ़ी जागरूकता
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत 2025 में पात्र किसानों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। खरीफ में किसानों की संख्या 11%, ऋणी आवेदकों में 107% और बीमित राशि में 23% वृद्धि दर्ज की गई। वहीं रबी में किसानों की संख्या 44% और अऋणी आवेदनों में 20% की बढ़ोतरी सामने आई। यह दर्शाता है कि किसानों में बीमा सुरक्षा का विश्वास लगातार बढ़ रहा है।
किसान सम्मान निधि से आर्थिक सुरक्षा
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत वर्ष 2019 में पंजीकृत 99,682 किसानों की संख्या बढ़कर 2025 में 1,55,366 हो गई है। अब तक 1,02,353 किसानों को 20वीं किस्त का लाभ मिल चुका है, जिसके अंतर्गत 2047.06 लाख रुपये वितरित किए गए। इससे किसानों की आय में स्थिरता आई है।
महिला किसानों को तकनीकी दक्षता
महिला कृषकों को ड्रोन संचालन और आधुनिक फसल छिड़काव तकनीक का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिससे वे कृषि में तकनीकी रूप से सक्षम बनी हैं और उत्पादन क्षमता में सुधार आया है।
सिंचाई विस्तार और फसल विविधीकरण
पीएम-आशा योजना के तहत दलहन-तिलहन फसलों की समर्थन मूल्य पर खरीदी से किसानों की आमदनी में वृद्धि हुई है। विभिन्न फसलों के रकबे में 12% से 62% तक और सिंचित क्षेत्र में 27% से 47% तक विस्तार दर्ज किया गया है, जिससे दोनों मौसमों में बेहतर उत्पादन सुनिश्चित हुआ है।
छत्तीसगढ़ के रजत जयंती वर्ष में योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन और किसानों की सक्रिय भागीदारी से बिलासपुर जिला कृषि विकास के नए आयाम स्थापित कर रहा है।



