धमतरी में ई-चालान से टैक्सी-ऑटो चालक परेशान: परमिट न होने से चालान की मार

धमतरी। धमतरी में टैक्सी और ऑटो चालकों को ई-चालान से लगातार परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। शहर के चौराहों पर लगे ऑटोमेटिक कैमरों से ऑनलाइन चालान कट रहे हैं, जबकि चालकों ने आरटीओ विभाग पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि इंश्योरेंस और फिटनेस तो बनवाने के बावजूद परमिट न होने के कारण चालान कट रहे हैं।
चालकों का कहना है कि आरटीओ विभाग परमिट जारी नहीं कर रहा, जबकि उन्होंने फिटनेस और इंश्योरेंस के लिए शुल्क चुका दिया है। इसके कारण कई चालकों पर एक ही दिन में 8 हजार से 60 हजार रुपये तक के चालान आए हैं। इस समस्या का समाधान पाने के लिए उन्हें राजधानी रायपुर जाना पड़ता है, जिससे परेशानियां और बढ़ गई हैं।
टैक्सी व्यवसायी सैयद आसिफ अली ने बताया कि ऑटोमेटिक कैमरे मुश्किल से 15 दिन लगे हैं, लेकिन उन्हें 2023 से अब तक के चालान भेजे जा रहे हैं। उन्होंने इसे अन्यायपूर्ण बताया और कहा कि 15 दिन के चालान समझ में आते हैं, लेकिन हजारों रुपये के पुराने चालान ‘लूट’ जैसा लग रहा है। उन्होंने शासन-प्रशासन से सही कागजात उपलब्ध कराने और समस्या का समाधान करने की मांग की।
पन्नालाल देवांगन ने कहा कि पिछले 20 वर्षों से टैक्सी व्यवसाय से जुड़े होने के बावजूद आरटीओ पूरा पेपर नहीं दे रहा। इंश्योरेंस और फिटनेस पर 40 हजार रुपये सालाना खर्च होते हैं, फिर भी अधूरे कागजात होने पर ई-चालान कटते हैं। रायपुर जाकर चालान भरना पड़ता है, जबकि जिले में आरटीओ कार्यालय होने का कोई फायदा नहीं है।
चालकों ने आरोप लगाया कि रोज ई-चालान कट रहे हैं और सड़क किनारे चार अधिकारी बैठे रहते हैं, जो फिर से चालान काटते हैं। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि टैक्सी चालकों के पास कोई विकल्प नहीं है। पूरी तरह से कागजात होने के बावजूद चालान कटने से टैक्सी और ऑटो चालक भारी आर्थिक दबाव में हैं।



