छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र आज हंगामेदार, मंत्री टीएस सिंहदेव के इस्तीफे की चिट्ठी का उठा मामला, जानिए और क्या हुआ

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र आज हंगामेदार रहा है। विपक्ष ने नल-जल योजना को लेकर सरकार पर सवाल उठाए हैं। प्रश्न काल में घरेलू नल कनेक्शन योजना में पिछड़ने का मामला सदन में गूंजा हैं। भाजपा विधायक रंजना डीपेंद्र साहू और अजय चंद्राकर ने यह मामला उठाया। बाद में भाजपा विधायकों ने इस मामले में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री रुद्र कुमार गुरु को घेरा।

सदन ने दिवंगत पूर्व सांसद चक्रधारी सिंह और पूर्व विधायक भजन सिंह निरंकारी को श्रद्धांजलि दी। उसके बाद विधानसभा की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई। 10 मिनट बाद प्रश्नकाल शुरू हुआ। इसमें वन विभाग, ऊर्जा, नगरीय प्रशासन और खनिज विभाग से सवाल पूछे जा रहे हैं।

वहीं नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा, पैसा आते ही बंदरबाट शुरू हो गई। इसकी वजह से मुख्यमंत्री को टेंडर निरस्त करना पड़ा। 2020 में योजना शुरू हुई और सितम्बर 2023 में पूरा कर लिया जाना है।

लक्ष्य तय हुआ है 38 लाख से अधिक घरों तक नल पहुंचाने का। जुलाई 2022 तक केवल 6 लाख लोगों को इसका फायदा दिया गया है। एक साल में 32 लाख कनेक्शन कैसे दिया जाएगा। भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कहा, सरकार राज्यांश का पैसा ही इस योजना के लिए नहीं दे रही है।

इसके बाद भाजपा के सभी विधायक खड़े होकर सवाल करने लगे। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री रुद्र कुमार गुरु ने कहा, दो साल कोरोना रहा। केंद्र सरकार ने अपने हिस्से का पैसा नहीं दिया। तीन महीने उसका इंतजार करने के बाद राज्य सरकार ने अपने हिस्से के पैसे से इसे आगे बढ़ाया।

इसकी वजह से देर हुई। योजना बनकर तैयार है। इस टेंडर लगना शुरू हो चुका है। समय-सीमा के भीतर हम काम पूरा करने का भरोसा दिलाते हैं। भाजपा विधायकों का हमला जारी रहा। बृजमोहन अग्रवाल ने कहा, इस योजना की प्रगति में छत्तीसगढ़ 30वें नंबर पर है। यह शर्मनाक स्थिति है। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने विधानसभा की समिति से जांच कराने की मांग की। इससे पहले कांग्रेस और भाजपा के विधायकों ने पर्यावरण नियमों की अनदेखी और मोटर पंपों को स्थायी बिजली कनेक्शन का मामला उठाया।

स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से इस्तीफे की चिट्ठी के बाद इस सत्र में भारी हंगामे के आसार बन रहे हैं। विपक्ष इस मुद्दे पर सरकार को कठघरे में खड़ा करने का मौका नहीं छोड़ना चाहता। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा, इस सत्र में प्रदेश में व्याप्त भ्रष्टाचार के मुद्दों को उठाया जाएगा। ग्रामीण विकास मंत्री के इस्तीफे के बाद जो संवैधानिक संकट की स्थिति निर्मित हुई है उस पर भी हम जवाब चाहेंगे।

कौशिक ने कहा, ऐसे कई मुद्दे हैं जिन्हें लेकर विपक्ष मुखरता से सरकार को घेरेगा। प्रदेश में कानून व्यवस्था बदहाल है। अनाचार, हत्या, लूट, अपहरण, जैसी अपराधिक घटनाएं लगातार घटित हो रही हैं। प्रदेश की कांग्रेस सरकार इस पर अंकुश लगाने में असफल है। किसानों के सामने खाद, बीज का संकट है। इन मुद्दों पर हम सरकार से जवाब चाहेंगे।

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