सरगुजा-अंबिकापुर

Ambikapur: इसलिए वन विभाग और विद्युत विभाग अब मिलकर चलाएंगे ज्वाइंट ऑपरेशन, पढ़िए पूरी खबर

शिव शंकर साहनी @अंबिकापुर। सरगुजा संभाग में कई ऐसे मामले आ चुके हैं जहां करंट की चपेट में आने से कई हाथियों की मौत हो चुकी है। ऐसे में वन विभाग और विद्युत विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठते रहे। लेकिन अब इस गंभीर मसले पर वन विभाग और विद्युत विभाग आपसी तालमेल बैठाकर समस्या के समाधान में जुड़ा हुआ है। दोनों विभाग मिलकर अब ज्वाइंट ऑपरेशन चलाने जा रहा है ताकि हाथियों के साथ होने वाली इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाई जा सके।

बीते तीन सालों में सरगुज़ा संभाग में 20 हाथियों की मौत

सरगुज़ा संभाग में हाथीयो की मौत का एक बड़ा कारण करंट है फिर चाहे वो ग्रामीणों के द्वारा अवैध हुकिंग कर लिया जाने वाला कनेक्शन हो या फिर जंगलों में नीचे झूलते तार। बीते तीन सालों में सरगुज़ा संभाग में 20 हाथियों की मौत हुई है जिसमे से 6 हाथियों की मौत  करंट की चपेट में आने से हुई है। ऐसे में कई बार इसके लिए जिम्मेदार वन और विद्युत विभाग एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप कर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लेता था मगर अब ऐसा नही हो सकेगा। क्योंकि पहली बार इस गंभीर मसले की ओर पहल शुरू की गई है। जहां संभाग स्तर पर मुख्य वनसंरक्षक व मुख्य अभियंता विद्युत विभाग की संयुक्त बैठक की गई है। जिसमे अब संभाग से लेकर रेंज स्तर तक इसकी निगरानी की व्यवस्था की जा रही है ताकि वन विभाग व विद्युत विभाग के अधिकारी संयुक्त गस्त कर व्यवस्था को दुरुस्त कर सके।

वन विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों सहित बिजली विभाग के कर्मचारी करेंगे गश्त

गौरतलब है कि सरगुज़ा संभाग के भूगोलिक परिस्थिति के कारण संभाग के जंगली इलाको में विद्युत तार बेहद ही नीचे है। इसके अलावा कई बार किसानों के द्वारा भी अवैध हुकिंग की जानकारी विद्युत विभाग को नहीं हो पाती जिसके कारण इस इलाके से गुजरने के दौरान हाथी करंट की चपेट में आ जाते हैं और उनकी मौत हो जाती है। ऐसे में विद्युत विभाग अब वन विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों के साथ विद्युत विभाग के कर्मचारी भी गश्त करेंगे ताकि इन इलाकों में विद्युत व्यवस्था की जानकारी उन्हें हो सके और जल्दी इस व्यवस्था को दुरुस्त किया जा सके। दोनों विभाग द्वारा चलाये जा रहे ज्वाइंट ऑपरेशन से न सिर्फ जंगल के अंदर की जानकारी विद्युत विभाग को हो सकेगी बल्कि व्यवस्था दुरुस्त करने में भी उन्हें लाभ हो सकेगा।

विद्युत विभाग और वन विभाग एक दूसरे पर कर रहे आरोप-प्रत्यारोप

बहरहाल जिस तरह से अब तक विद्युत विभाग और वन विभाग एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप मढ़ते रहे हैं। ऐसा पहली बार होगा कि जब दोनों विभाग संयुक्त रूप से हाथियों के जान को बचाने के लिए कदम उठा रहे हैं इसका सीधा फायदा संभाग स्तर से लेकर रेंज स्तर तक हो सकेगा और इसमें जिम्मेदारी भी तय की जा सकेगी कि आखिर लापरवाही का जिम्मेदार कौन है दोनों विभागों की कवायद कारगर साबित हुई तो जंगल में विचरण करने वाले हाथी करंट से भी बच सकेंगे और उनकी जान सुरक्षित रह सकेगी।

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