नए वक्फ कानून पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 20 मई को, पर्सनल लॉ बोर्ड ने फिर शुरू किया प्रदर्शन

नई दिल्ली। नए वक्फ कानून के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट 20 मई को सुनवाई करेगा। कोर्ट ने पहले ही यह स्पष्ट कर दिया है कि वह केवल पांच मुख्य याचिकाओं पर ही सुनवाई करेगा, जिनमें AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी की याचिका भी शामिल है। बाकी 70 से अधिक याचिकाएं खारिज कर दी गई हैं। इससे पहले केंद्र और याचिकाकर्ता आज अपना-अपना हलफनामा दाखिल करेंगे।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने 18 मई को एक बयान जारी कर बताया कि वह देशभर में वक्फ बचाओ अभियान दोबारा शुरू कर रहा है। यह अभियान पहले 16 मई तक के लिए स्थगित किया गया था। नया वक्फ कानून अप्रैल में राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद लागू हुआ, जिसे संसद में भारी समर्थन मिला था। हालांकि कई विपक्षी दलों और मुस्लिम संगठनों ने इसका विरोध करते हुए इसे असंवैधानिक बताया। केंद्र सरकार ने 25 अप्रैल को 1332 पन्नों का हलफनामा दाखिल कर कानून को पूरी तरह वैध और संसद से पारित बताया।
वहीं, AIMPLB ने सरकार के आंकड़ों पर सवाल उठाते हुए हलफनामे को झूठा बताया और कोर्ट से दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने 16 अप्रैल की सुनवाई में केवल मुसलमानों को वक्फ बनाने की पात्रता, सदियों पुरानी वक्फ संपत्तियों के रजिस्ट्रेशन की व्यावहारिकता, वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्यों की नियुक्ति मुद्दे को अहम माना था। कोर्ट ने पूछा कि जब वक्फ धार्मिक संस्था है, तो उसमें गैर-मुस्लिमों की बहुमत सदस्यता संस्था के धार्मिक चरित्र को कैसे प्रभावित नहीं करेगी?