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सुप्रीम कोर्ट ने तलाकशुदा मुस्लिम महिला को तोहफे वापस पाने का अधिकार दिया

दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम निर्णय में कहा कि तलाकशुदा मुस्लिम महिला को शादी के समय उसके पिता द्वारा पति को दिए गए कैश और सोने के गहने वापस लेने का अधिकार है। यह फैसला मुस्लिम महिला (तलाक के बाद अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 1986 के तहत सुनाया गया।

कोर्ट ने स्पष्ट किया कि विवाह के समय दिए गए तोहफे महिला के स्वामित्व में नहीं जाते हैं और तलाक होने पर महिला उन्हें वापस लेने की कानूनी मांग कर सकती है। इस निर्णय में न्यायालय ने महिला के अधिकारों की सुरक्षा को सर्वोपरि माना।

मामले की पृष्ठभूमि में बताया गया कि शादी के समय महिला के पिता ने अपने बहू को खुश करने और रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए कुछ नकद राशि और आभूषण पति को सौंपे थे। तलाक के बाद महिला ने इन वस्तुओं को वापस लेने की मांग की।

सुप्रीम कोर्ट ने यह कहा कि महिला को दिए गए यह तोहफे शादी के दौरान उसके पिता की संपत्ति के रूप में दिए गए थे, इसलिए तलाक के बाद यह महिला का हक बनता है।

इस फैसले से मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों की रक्षा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है और विवाह के समय दिए गए तोहफों को लेकर स्पष्ट कानूनी स्थिति स्थापित हुई है।

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