
बीजापुर। टेकलगुड़ेम में हुए पुलिस नक्सली मुठभेड़ को लेकर सुकमा एसपी किरण चव्हाण ने बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने बताया कि जब 300 से अधिक नक्सलियों ने जवानों को घेर लिया, उस वक्त सुरक्षाबलों द्वारा किस तरह नक्सलियों को मुहतोड़ जवाब दिया गया. एसपी चव्हाण ने बताया कि मंगलवार को जवान टेकुलगुडम में कैम्प स्थापित करने निकले थे। उससे डेढ़ किलोमीटर पहले घात लगाकर बैठे नक्सलियों ने जवानों को घेर लिया. नक्सली स्नाइपर और यूबीजीएल जैसे हथियारों और गोला बारुदों से लैस थे। नक्सली साल 2021 जैसी बड़ी घटना को अंजाम देना चाहते थे, इसके लिए माओवादियों ने ग्रामीण महिलाओं का सहारा लिया और उन्हें आगे कर दिया। नक्सली इतना तक ही नहीं थमे 4 घंटे से अधिक चले इस मुठभेड़ में दर्जनों बीजीएल नक्सलियों की ओर से दागे गए और अंधाधुध फायरिंग करने लगे। जिसका सुरक्षाबलों ने भी मुहतोड़ जवाब दिया। लेकिन इसी बीच नक्सलियों की गोली लगने से 3 जवान का शहादत हो गया, 14 जवान घायल भी हुए।लेकिन जवान हार नहीं माने। इतनी बड़ी संख्या में नक्सलियों को खदेड़ने के लिए जवानों ने एंटी माइन व्हीकल का उपयोग किया। इस बीच मुठभेड़ में कई नक्सलियों को गोली भी लगी और मारे जाने की भी खबर है. सर्चिंग के दौरान जवानों को जंगल में कई बीजीएल मिले, जो फटे तक नहीं थे.
3 साल पहले भी कर चुके हैं बड़ा हमला
सूत्रों के मुताबिक जिस स्थान पर नक्सल हमले की घटना हुई है, उसी जगह पर वर्ष 2021 में भी नक्सली बड़ा अटैक कर चुके हैं. वर्ष 2021 में टेकलगुड़ेम के जंगल में हुए पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में 23 जवानों की शहादत हुई थी. घने जंगलों के बीच बसे इस इलाके में पहुंचना आसान नहीं है. यही वजह है कि वहां पर नक्सलियों ने वहां पर बड़ा बेस बना रखा है. अब नया सिक्योरिटी कैंप स्थापित होने के बाद नक्सलियों के इसी दबदबे को खत्म करने की कोशिश की जा रही है.