रवि तिवारी@देवभोग. राज्य की भूपेश सरकार ने तीन साल पहले देवभोग के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का उन्नयन कर उसे सिविल अस्पताल का दर्ज़ा तो दे दिया.. लेकिन अभी भी सिविल अस्पताल की तरह सुविधा देवभोग क्षेत्र के लोगों को नहीं मिल पा रहा है… यहां बताना लाजमी होगा कि देवभोग के सिविल अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ, विशेषज्ञ मेडिकल, शिशु रोग विशेषज्ञ, विशेषज्ञ निश्चेतना के पद अभी भी रिक्त पड़े है.. इन पदों पर लम्बे समय से विशेषज्ञ की भर्ती नहीं हो पाई है.. वहीं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र देवभोग से मिली जानकारी के मुताबिक सिविल अस्पताल में कुल कर्मचारियों के 150 पद स्वीकृत है.. जिसमें से 73 पर कर्मचारी कार्यरत है.. जबकि अभी भी 77 पद रिक्त है..
देवभोग सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का उन्नयन कर उसे सिविल अस्पताल का दर्ज़ा दिया
राज्य सरकार ने देवभोग सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का उन्नयन कर उसे सिविल अस्पताल का दर्ज़ा दिया.. वहीं कांग्रेस सरकार में देवभोग सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का उन्नयन होना बड़ी बात थी… लोगों को उम्मीद भी थी कि ज़ब सरकार ने सिविल अस्पताल का दर्ज़ा दिया है.. तो जरूरी सुविधाएं भी जल्द ही मिलेगी.. वहीं आमजनों के दावों के विपरीत आज भी स्थिति बनी हुई है.. सिविल अस्पताल के लिए आज तक भवन स्वीकृत नहीं हो पाया है… मामले में सीएमएचओ डॉक्टर एन आर नवरत्न का कहना है कि भवन के साथ ही रिक्त पदों के लिए कर्मचारियों की मांग हमने की है.. वहीं रिक्त पदों पर भर्ती के लिए राज्य और जिला स्तर पर प्रक्रिया चल भी रहा है…यहां बताना लाजमी होगा कि सिविल अस्पताल के घोषणा के बाद देवभोग में 50 बिस्तर वाला अस्पताल बनना था.. लेकिन अब तक भवन की स्वीकृति नहीं मिल पाने के चलते मजबूरीवश उसी पुराने 20 बिस्तर वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सिविल अस्पताल का संचालन किया जा रहा है…
सरकार में सुविधा की हुई है बढ़ोतरी-: यहां यह भी बताना लाजमी होगा कि कांग्रेस सरकार में देवभोग सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सा सुविधाओं में भी बढ़ोतरी हुई है.. सरकार बनने के बाद यहां अब तक 9 डॉक्टर आये.. जिसमें से 2 डॉक्टरों ने अपना ब्रॉन्ड पूरा भी कर लिया.. और वे वापस भी चले गए.. जबकि अभी 2 रेगुलर डॉक्टर यहां पदस्थ है.. वहीं 1 एनएचएम और 4 ब्रॉन्ड वाले डॉक्टरों की अभी पोस्टिंग है.. जबकि सरकार के कार्यकाल में डायलीसिस यूनिट की भी स्थापना भी हुई… वहीं हाल ही में देवभोग सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को मिले 125 केव्ही जनरेटर से लो वोल्टेज या फिर बिजली गुल होने पर भी डायलीसिस यूनिट या अन्य मशीन की सेवा आमजनों के लिए बंद नहीं होता… यहां बताते चले कि अभी शासन से 10 बेड आयसोलेशन और 20 बेड भवन की भी स्वीकृति मिली है.. सीएमएचओ ने बताया कि काम स्वीकृत हो चुका है.. टेंडर भी लग गया है.. जल्द ही काम शुरू होने की बात सीएमएचओ ने कही….