नई दिल्ली। श्रीलंका में राजपक्षे सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन हो रहे हैं। श्रीलंका भयानक आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। आम लोगों का जन-जीवन बेहाल हो गया है।
देश में विदेशी मुद्रा की भारी किल्लत
दो करोड़ बीस लाख की आबादी वाले द्वीप देश श्रीलंका आजादी के बाद से सबसे खराब मंदी की चपेट में है। यहां तक कि वहां सबसे आवश्यक वस्तुओं के आयात के लिए भुगतान के लिए भी विदेशी मुद्रा की किल्लत हो गई है। हालात इतने खराब हैं कि गुरुवार को बसों और वाणिज्यिक वाहनों के लिए मुख्य ईंधन डीजल पूरे देश में कहीं भी उपलब्ध नहीं था। अधिकारियों और मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, देश में सार्वजनिक परिवहन पंगु बन गया है। एक निवासी ने बताया कि मैं घर नहीं जा पा रहा हूं क्योंकि हमारे इलाके में बैरिकेड्स लगे हैं।
राजपक्षे परिवार सत्ता के शीर्ष पदों पर काबिज
राष्ट्रपति राजपक्षे के बड़े भाई महिंदा प्रधानमंत्री के रूप में कार्य कर रहे हैं जबकि सबसे छोटे भाई तुलसी के पास वित्त विभाग है। सबसे बड़े भाई चमल कृषि मंत्री हैं जबकि भतीजे नमल खेल के लिए कैबिनेट पद पर हैं। प्रदर्शनकारियों ने राजपक्षे सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शन में शामिल लोगों ने कहा कि सरकार के कुप्रबंधन के कारण विदेशी मुद्रा संकट और गंभीर हो गया है।