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ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट में शौर्य दिखाने वाले जवान सम्मानित, अमित शाह बोले- 2026 तक देश होगा नक्सलमुक्त

रायपुर। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को नई दिल्ली में कर्रेगुट्टालु पहाड़ी पर हुए नक्सल विरोधी अभियान ‘ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट’ में शामिल सीआरपीएफ, छत्तीसगढ़ पुलिस, डीआरजी और कोबरा के वीर जवानों से मुलाकात की और उन्हें सम्मानित किया। इस दौरान छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा भी मौजूद रहे।

अमित शाह ने कहा कि कर्रेगुट्टालु पहाड़ी पर चला यह अभियान अब तक का सबसे बड़ा नक्सल विरोधी ऑपरेशन है। इसमें सुरक्षाबलों ने कठिन परिस्थितियों—तेज गर्मी, ऊँचाई और हर कदम पर आईईडी के खतरों—के बावजूद साहस दिखाते हुए नक्सलियों का बेस कैंप ध्वस्त कर दिया। जवानों ने नक्सलियों के मैटीरियल डंप और सप्लाई चेन को भी पूरी तरह नष्ट कर दिया।

गृह मंत्री ने वीर जवानों को बधाई देते हुए कहा कि उनका शौर्य और पराक्रम नक्सल विरोधी संघर्ष के इतिहास में स्वर्णिम अध्याय के रूप में दर्ज होगा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार का संकल्प है कि जब तक सभी नक्सली आत्मसमर्पण न कर दें, पकड़े न जाएँ या समाप्त न हो जाएँ, तब तक चैन से नहीं बैठा जाएगा। लक्ष्य है कि भारत को पूरी तरह नक्सलमुक्त बनाया जाए।

अमित शाह ने बताया कि नक्सलियों ने जिन पिछड़े इलाकों में स्कूल और अस्पताल बंद कर विकास रोक दिया था, वहाँ अब बदलाव दिख रहा है। नक्सल विरोधी अभियानों के कारण पशुपतिनाथ से लेकर तिरुपति तक के क्षेत्र में करीब साढ़े छह करोड़ लोगों के जीवन में नया उजाला आया है। उन्होंने यह भी कहा कि इन अभियानों में घायल हुए जवानों और उनके परिवारों के जीवन को सुरक्षित और सुचारू बनाने के लिए केंद्र सरकार हरसंभव कदम उठा रही है।

शाह ने विश्वास जताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 31 मार्च 2026 तक देश को पूरी तरह नक्सलवाद से मुक्त कर दिया जाएगा।

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