छत्तीसगढ़बालोद

आरक्षण की आग समाज तक, कांग्रेस विधायक को अतिथि बनाने के बाद सामाजिक संगठन ने अपना आमंत्रण लिया वापस

मीनू साहू@बालोद। छत्तीसगढ़ के बालोद जिला में नया मामला सामने आया है. आरक्षण के प्रभाव का असर कह लीजिए कि एक कांग्रेस एमएलए को अतिथि बनाने के बाद सामाजिक संगठन ने अपना आमंत्रण वापस ले लिया. यानि अतिथि को साफ तौर पर समझा दिया गया कि जब तक आरक्षण का मामला सुलझ नहीं जाता, आपको हम मंच पर स्थान नही दे सकते.

मामला गुण्डरदेही विधानसभा से जुड़ा है. कुंवरसिंह निषाद यहां से विधायक हैं और राज्य सरकार में ससंदीय सचिव भी. उन्हें तहसील जनजातीय समाज अर्जुंदा ने अपने सामाजिक कार्यक्रम में आमंत्रित किया था, लेकिन अचानक पत्र जारी कर निषाद से आग्रह करते हुए लिखा है कि आपको मुख्य अतिथि के लिए आमंत्रित किया था, लेकिन आरक्षण कटौती के बाद समाज ने यह फैसला किया है कि आरक्षण का मुददा हल होने तक किसी भी नेता या मंत्री को नही बुलाएंगे. अत: आपके अतिथि बनाने के फैसले को निरस्त किया जा रहा है।

लगाए गए सामाजिक पाबंदी का सहयोग कर सरकार से हमारा आरक्षण 16 प्रतिशत वापस दिलाने की कृपा करेंगे.इस ताजा मामले से पता चलता है कि आरक्षण की आग की जद में अब मंत्री विधायक भी आ रहे हैं और आमजन का गुस्सा बढ़ता जा रहा है. सरकार के खिलाफ माहौल भी बन रहा है. यदि आरक्षण का मुददा नही सुलझाया गया तो यह सरकार के लिए भारी पड़ सकता है।

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आरक्षण की आग समाज तक, कांग्रेस विधायक को अतिथि बनाने के बाद सामाजिक संगठन ने अपना आमंत्रण लिया वापस

मीनू साहू@बालोद। छत्तीसगढ़ के बालोद जिला में नया मामला सामने आया है. आरक्षण के प्रभाव का असर कह लीजिए कि एक कांग्रेस एमएलए को अतिथि बनाने के बाद सामाजिक संगठन ने अपना आमंत्रण वापस ले लिया. यानि अतिथि को साफ तौर पर समझा दिया गया कि जब तक आरक्षण का मामला सुलझ नहीं जाता, आपको हम मंच पर स्थान नही दे सकते.

मामला गुण्डरदेही विधानसभा से जुड़ा है. कुंवरसिंह निषाद यहां से विधायक हैं और राज्य सरकार में ससंदीय सचिव भी. उन्हें तहसील जनजातीय समाज अर्जुंदा ने अपने सामाजिक कार्यक्रम में आमंत्रित किया था, लेकिन अचानक पत्र जारी कर निषाद से आग्रह करते हुए लिखा है कि आपको मुख्य अतिथि के लिए आमंत्रित किया था, लेकिन आरक्षण कटौती के बाद समाज ने यह फैसला किया है कि आरक्षण का मुददा हल होने तक किसी भी नेता या मंत्री को नही बुलाएंगे. अत: आपके अतिथि बनाने के फैसले को निरस्त किया जा रहा है।

लगाए गए सामाजिक पाबंदी का सहयोग कर सरकार से हमारा आरक्षण 16 प्रतिशत वापस दिलाने की कृपा करेंगे.इस ताजा मामले से पता चलता है कि आरक्षण की आग की जद में अब मंत्री विधायक भी आ रहे हैं और आमजन का गुस्सा बढ़ता जा रहा है. सरकार के खिलाफ माहौल भी बन रहा है. यदि आरक्षण का मुददा नही सुलझाया गया तो यह सरकार के लिए भारी पड़ सकता है।

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