H-1B वीजा के लिए सोशल मीडिया प्रोफाइल अनिवार्य, 15 दिसंबर से लागू होगा नया नियम

नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने H-1B वीजा नियमों में सख्ती लागू कर दी है। नए नियम के तहत अब H-1B आवेदकों को अपने सोशल मीडिया अकाउंट सार्वजनिक करना अनिवार्य होगा।
अमेरिकी अधिकारी आवेदक के सोशल मीडिया पोस्ट, लाइक्स और गतिविधियों की जांच करेंगे। यदि कोई एक्टिविटी अमेरिकी हितों के खिलाफ पाई गई, तो वीजा जारी नहीं किया जाएगा। H-1B के आश्रितों यानी पत्नियों, बच्चों और माता-पिता के लिए भी H-4 वीजा के आवेदन में सोशल मीडिया प्रोफाइल पब्लिक करना जरूरी होगा। यह पहली बार है कि H-1B वीजा के लिए सोशल मीडिया जांच अनिवार्य की गई है। नया नियम 15 दिसंबर से लागू होगा।
H-1B वीजा हाई-स्किल्ड प्रोफेशनल्स जैसे इंजीनियर, डॉक्टर और सॉफ्टवेयर पेशेवरों के लिए होता है। हर साल जारी होने वाले कुल H-1B वीजा में लगभग 70% भारतीयों को दिए जाते हैं, इसलिए नए नियम का सबसे ज्यादा असर भारतीय प्रोफेशनल्स पर पड़ेगा। H-1B वीजा आमतौर पर 3-3 साल के लिए दो बार जारी होता है, कुल अवधि 6 साल होती है। इसके बाद आवेदक ग्रीन कार्ड के लिए आवेदन कर सकता है।
ट्रम्प प्रशासन ने H-1B वीजा फीस भी बढ़ा दी है। पहले यह लगभग 9 हजार डॉलर थी, अब इसे 90 लाख रुपए तक कर दिया गया है। ट्रम्प ने H-1B में बदलाव के साथ तीन नए वीजा कार्ड लॉन्च किए हैं – ट्रम्प गोल्ड कार्ड, ट्रम्प प्लेटिनम कार्ड और कॉर्पोरेट गोल्ड कार्ड। ट्रम्प गोल्ड कार्ड धारक को अमेरिका में अनलिमिटेड रेसिडेंसी का अधिकार मिलेगा।
भारत हर साल लाखों इंजीनियर और कंप्यूटर साइंस ग्रेजुएट तैयार करता है। इंफोसिस, TCS, विप्रो, HCL और कॉग्निजेंट जैसी टेक कंपनियां सबसे ज्यादा H-1B वीजा स्पॉन्सर करती हैं। नए नियम और बढ़ी हुई फीस के कारण भारतीय टैलेंट अब यूरोप, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और मिडिल ईस्ट देशों की ओर रुख कर सकता है।



