कौशल विकास ही स्थायी रोजगार का आधार: मुख्यमंत्री साय

रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने जगदलपुर में आयोजित “विकसित बस्तर की ओर” कार्यक्रम में युवाओं के कौशल विकास और रोजगार पर केंद्रित सरकार की दूरदृष्टि को साझा करते हुए कहा कि “बस्तर अब शांति की ओर बढ़ चुका है, और अब हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। यहां के लोगों को सम्मानजनक आजीविका उपलब्ध कराना।” मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थायी विकास का रास्ता कौशल विकास से होकर गुजरता है, और बस्तर आज इसी रास्ते पर मजबूती से कदम बढ़ा चुका है।

कौशल विकास से आत्मनिर्भर बनेगा बस्तर

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि यह गर्व की बात है कि जब वे संसद सदस्य थे, तब देश में कौशल विकास मंत्रालय का गठन हुआ – और आज यही मंत्रालय देश के युवाओं के भविष्य निर्माण में क्रांति ला रहा है। उन्होंने बताया कि कौशल विकास सिर्फ तकनीकी प्रशिक्षण तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें भाषा, विदेशी रोजगार, हस्तशिल्प, कृषि, फूड प्रोसेसिंग, पर्यटन, कंस्ट्रक्शन और टेक्नोलॉजी जैसे कई क्षेत्रों को जोड़ा गया है।

मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत बस्तर में उल्लेखनीय उपलब्धियां

नीति आयोग, महिंद्रा एंड महिंद्रा और नंदी फाउंडेशन जैसे संस्थाओं से साझेदारी

राज्य सरकार ने कौशल प्रशिक्षण को उच्च गुणवत्ता और व्यावसायिक अवसरों से जोड़ने के लिए इन प्रमुख संस्थाओं से एमओयू साइन किए हैं। वर्ष 2025-26 के लिए 456 नियोक्ताओं के माध्यम से 5,875 रोजगार अवसर उपलब्ध कराने का लक्ष्य तय किया गया है।

पीएम कौशल योजना और विश्वकर्मा योजना में प्रगति

नक्सल प्रभावित युवाओं के लिए विशेष योजनाएं: नियद नेल्लानार योजना और आत्मसमर्पित माओवादियों के पुनर्वास के लिए राज्य सरकार की पहल सराहनीय रही है:

कौशल विकास से जुड़ी सभी संस्थाएं आईं एक मंच पर
कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, वन मंत्री केदार कश्यप, सांसद महेश कश्यप, विधायक किरण सिंह देव, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, कौशल विकास विभाग के सचिव भारती दासन, संचालक विजय दयाराम के. सहित सभी ज़िलों के कलेक्टर, और स्किलिंग से जुड़ी संस्थाएं उपस्थित रहीं। मुख्यमंत्री ने दोहराया कि बस्तर में अब “गन नहीं, स्किल्स की गूंज” सुनाई दे रही है।

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