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रायपुर में 2100 साल पुरानी सभ्यता के संकेत, जमीन के नीचे महल और किले मिलने की संभावना

रायपुर। महादेव घाट स्थित गिरिजा शंकर स्कूल के पीछे की निजी जमीन पर खुदाई के दौरान लगभग 2,100 साल पुराने प्राचीन अवशेष मिलने का दावा किया गया है। मार्च में 36 एकड़ जमीन को समतल करते समय एक से दो फीट की गहराई पर लोहे के बाल, शील-बट्टा, पत्थर और मिट्टी के बर्तन जैसे ऐतिहासिक साक्ष्य सामने आए। इस खोज के बाद पुरातत्व विभाग ने इलाके को संरक्षित क्षेत्र घोषित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

जानकारी मिलते ही पुरातत्व विभाग की टीम मौके पर पहुंची और पांच सदस्यीय समिति का गठन कर सर्वेक्षण कराया। समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि यह स्थल ऐतिहासिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है और यहां जमीन के 30 फीट नीचे महल और किले जैसी संरचनाएं छिपी हो सकती हैं। इसी आधार पर प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी है।

शुरुआत में इन अवशेषों को कलचुरी काल (करीब 1,000 साल पुराना) का माना गया, लेकिन बाद में मिले साक्ष्यों की जांच से पुष्टि हुई कि यह स्थल 2,100 साल पुराना हो सकता है। पुरातत्वविदों का मानना है कि यह क्षेत्र कभी टीला रहा होगा और खारुन नदी के किनारे बसी कोई प्राचीन सभ्यता यहां रही होगी।

विभाग ने इस 36 एकड़ जमीन को अधिग्रहित करने के लिए शासन को पत्र भेजा है, जबकि निजी बिल्डर निर्माण कार्य की अनुमति पाने के लिए दबाव बना रहे हैं। पुरातत्व विभाग के उपसंचालक प्रताप पारख ने भी अवशेष मिलने की पुष्टि की है।

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