सिद्धबाबा जलाशय परियोजना से सिंचाई और ग्रामीण विकास को मिलेगा नया बल: सीएम साय

छुईखदान। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने शुक्रवार 16 मई को विकासखंड छुईखदान के ग्राम गभरा का दौरा किया और वहाँ निर्माणाधीन सिद्धबाबा जलाशय परियोजना का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि यह महत्वाकांक्षी परियोजना छत्तीसगढ़ के ग्रामीण इलाकों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आई है, जिससे क्षेत्र की सिंचाई और जल आपूर्ति व्यवस्था में अभूतपूर्व सुधार होगा। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्माण कार्य को निर्धारित समयसीमा में गुणवत्ता के साथ पूर्ण करने के निर्देश दिए।

सिद्धबाबा लघु जलाशय परियोजना को छत्तीसगढ़ शासन द्वारा प्रशासनिक स्वीकृति मिल चुकी है। यह परियोजना लमती नदी पर, ग्राम उरतुली के पास स्थित होगी, जो जिला मुख्यालय से लगभग 22 किलोमीटर दूर है। जल संसाधन विभाग द्वारा 9 मार्च 2022 को इस परियोजना को स्वीकृति दी गई थी। परियोजना की कुल अनुमानित लागत ₹220.07 करोड़ है।

इस परियोजना के अंतर्गत कुल जलभराव क्षमता 9.496 मिलियन घन मीटर निर्धारित की गई है। इसके माध्यम से खैरागढ़-छुईखदान-गंडई, बेमेतरा और दुर्ग जिलों के कुल 34 गांवों को सीधा लाभ मिलेगा। खैरागढ़ विधानसभा क्षेत्र के 19 गांवों में 885 हेक्टेयर भूमि, बेमेतरा जिले के साजा विधानसभा क्षेत्र के 11 गांवों में 820 हेक्टेयर और दुर्ग जिले के 4 गांवों में 135 हेक्टेयर भूमि को सिंचाई सुविधा प्राप्त होगी। यह सिंचाई सुविधा इन क्षेत्रों की कृषि क्षमता को सशक्त बनाएगी।

सिद्धबाबा परियोजना से न केवल खेतों को पानी मिलेगा, बल्कि 23 लघु जलाशयों को भी जलापूर्ति की जाएगी। इनमें छुईखदान विकासखंड के 13, साजा के 7 और धमधा विकासखंड के 3 जलाशय शामिल हैं। इससे जल संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा और कृषि उत्पादन में वृद्धि होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह परियोजना सिर्फ सिंचाई तक सीमित नहीं है, बल्कि यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी सशक्त करेगी। इससे खाद्य सुरक्षा, किसान आत्मनिर्भरता और सूखा प्रभावित क्षेत्रों में स्थायी राहत सुनिश्चित होगी। यह परियोजना आने वाले वर्षों में ग्रामीण विकास का आधार स्तंभ बनेगी।

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