छत्तीसगढ़बलौदाबाजार

इस मंदिर में स्थापित हैं 1 लाख छिद्रों वाले शिवलिंग, सावन के चौथे सोमवार को लगा भक्तों का तांता 

जय प्रकाश साहू@बलौदा बाजार। सावन का महीना हो और शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ न लगे ऐसा न कभी हुआ है न ही शायद कभी होंगा. छत्तीसगढ़ के काशी के नाम से प्रसिद्ध मंदिर लक्ष्मणेश्वर महादेव। जो  बलौदाबाजार जिला मुख्यालय के कसडोल गिधौरी मार्ग से होकर नदी पार कर शिवरीनारायण से कुछ ही दुरी पर खरौद गाँव, जहाँ प्राचीन मंदिर है। जिसे रामायण कालीन बताया जाता है। 

पंडित रामकृष्ण तिवारी से चर्चा के दौरान उन्होंने बताया कि खरौद में स्थित लक्ष्मणेश्वर मंदिर के गर्भगृह में एक शिवलिंग है। जिसके बारे में मान्यता है कि इसकी स्थापना स्वयं लक्ष्मण जी ने किया था। इस शिवलिंग में एक लाख छिद्र है।  एक छिद्र ऐसा भी है जो पातालगामी है, क्योंकि इसमें कितना भी जल डालो वो सब उसमें समा जाता है,जबकि एक छिद्र अक्षय कुंड हैं। क्योंकि उसमें हमेशा जल भरा रहता है। लक्षलिंग पर चढ़ाया जल  मंदिर के पीछे स्थित कुण्ड में चले जाने की भी मान्यता है, क्योंकि कुंड कभी सूखता नहीं। लक्षलिंग जमीन से करीब 30 फीट ऊपर है और इसे स्वयंभू  लिंग भी माना जाता है,,

 सावन के चौथे सोमवार को भी भक्ति में लीन भक्तों का तांता हर शिवालय में देखने को मिला। आपको बता दे कि सावन का आज चौथा सोमवार है। जहाँ शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ देखने को मिल रही है। जहां पैदल यात्रा करते कंधे में कांवर लिए पवित्र जल भरकर कांवरियों की टोली निकल पड़ी है। वही कुछ युवा मोटरसाइकिल में भी भोलेनाथ के दर्शन करने निकले है। 

एक तरफ भोलेनाथ की भक्ति में लीन भक्त है। वही आदया शक्ति की उपाध्यक्ष सरिता साहू की अगुवाई में  सभी महिलाएं भक्तों की सेवा करते नजर आई। साथ ही उनके साथ बोल बम सेवा समिति के सदस्यों ने भी  भक्तों की सेवा में किसी प्रकार की कोई कसर नही छोड़ी और भक्तों के हिसाब से न सिर्फ केला बिस्किट बल्कि खीर पुड़ी भी बांटा गया।

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