हमेशा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नहीं रह सकता,पद छोड़ने के शिवकुमार ने दिए संकेत

कर्नाटक। कर्नाटक के डिप्टी सीएम और KPCC अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार ने बुधवार को साफ संकेत दिए कि वे जल्द ही प्रदेश अध्यक्ष पद छोड़ सकते हैं।
बेंगलुरु में इंदिरा गांधी जयंती कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा— “मैं इस पद पर हमेशा नहीं रह सकता। साढ़े पांच साल हो चुके हैं, मार्च में छह साल पूरे हो जाएंगे। अब दूसरे नेताओं को भी मौका मिलना चाहिए। लेकिन आप चिंता न करें, मैं फ्रंटलाइन लीडरशिप में रहूंगा।”
उनके इस बयान ने कर्नाटक कांग्रेस में पहले से चल रही नेतृत्व परिवर्तन की चर्चाओं को और तेज कर दिया है। खासतौर पर इसलिए क्योंकि राज्य सरकार इस महीने ढाई साल पूरे कर रही है, जो कथित रोटेशनल CM फॉर्मूले की समयसीमा से मेल खाती है।
2023 विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को जीत दिलाने में शिवकुमार की भूमिका अहम रही थी। चुनाव बाद CM पद को लेकर सिद्धारमैया और उनके बीच खींचतान भी सामने आई थी। ‘वन मैन, वन पोस्ट’ नियम के चलते शिवकुमार की दावेदारी कमजोर पड़ी, और अंततः सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री बनाया गया। तब से रोटेशनल फॉर्मूले की चर्चा लगातार बनी हुई है।
उधर, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भी संकेत दिए हैं कि वे अपने कार्यकाल के शेष समय में पद पर बने रहेंगे। उन्होंने कहा कि वे अपना 17वां बजट पेश करने की तैयारी में हैं। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, हाल ही में दिल्ली में खड़गे से उनकी मुलाकात भी इसी संदर्भ में देखी जा रही है।
अगर हाईकमान मंत्रिमंडल विस्तार को मंजूरी देता है, तो यह सिद्धारमैया की कुर्सी मजबूत होने का संकेत माना जाएगा और शिवकुमार के CM बनने की संभावना लगभग खत्म हो जाएगी।
इस बीच, कुछ कांग्रेस नेताओं और विधायकों ने दावा किया है कि दिसंबर में शिवकुमार मुख्यमंत्री बनेंगे। हालांकि, शिवकुमार ने कहा— “अगर पार्टी है, तो हम हैं। नेतृत्व जैसा चाहेगा, मैं वैसा ही करूंगा।”





