Shiv Sena Supports TMC: ममता को सपोर्ट…और कांग्रेस को नसीहत, यूपीए को लेकर शिवसेना ने कह दी ये बड़ी बात

मुंबई। (Shiv Sena Supports TMC) शिवसेना ने यूपीए को लेकर नसीहत दे डाली है. हाल ही में मुंबई दौरे के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि “कोई यूपीए नहीं है” टिप्पणी, कई विपक्षी नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। इधर ममता के बयान का समर्थन करते हुए राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी थी। और कांग्रेस को आड़े हाथों लिया था। उन्होंने कहा था कि उसका नेतृत्व किसी व्यक्ति का दैवीय अधिकार नहीं होता है। आगे उन्होंने कहा था कि 10 सालों में 90 प्रतिशत से अधिक चुनाव कांग्रेस हार गई है। इसक
इधर शिवसेना (Shiv Sena Supports TMC) ने ममता के बयान का समर्थन करते हुए मुखपत्र सामना में लिखा कि यूपीए का नेता कौन होगा, यह तय करने से पहले विपक्ष को बीजेपी के खिलाफ एकजुट होना पड़ेगा।
संपादकीय में विपक्षी दलों को सत्ता में आने के लिए कांग्रेस के पीछे नहीं जाने की बात कही गई। सामना में कहा गया कि कांग्रेस अभी भी कई राज्यों में हैं। गोवा और पूर्वोत्तर राज्यों में कांग्रेस नेता तृणमूल में शामिल हो गए हैं और आप के साथ भी ऐसा ही है।” संपादकीय में यह भी कहा गया है कि यूपीए जैसा गठबंधन बनाने से भाजपा को ही मजबूती मिलेगी।
(Shiv Sena Supports TMC) सामना ने सुझाव दिया, “कांग्रेस के नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी को नेतृत्व करना चाहिए और यूपीए को मजबूत करने के लिए आगे आना चाहिए।”
प्रियंका गांधी के प्रयासों की सराहना
शिवसेना ने भी लखीमपुर खीरी कांड के दौरान प्रियंका गांधी के प्रयासों की सराहना की और कहा, “अगर प्रियंका लखीमपुर खीरी नहीं जातीं तो मामला खारिज हो जाता। उन्होंने एक विपक्षी नेता के रूप में अपनी भूमिका निभाई।” इसमें कहा गया है, ‘संप्रग का नेतृत्व करने की दैवीय शक्ति किसके पास है, यह गौण है, पहले हमें लोगों को विकल्प देने की जरूरत है।’
राष्ट्रीय स्तर पर एक मजबूत विकल्प की वकालत कर रही ममता
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में टीएमसी को प्रचंड जीत हासिल हुई और बीजेपी राज्य में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. एक तरफ से देखा जाए तो टीएमसी कांग्रेस को टक्कर दे रही है. पूर्वोत्तर राज्य मेघालय में कांग्रेस के 17 में से 12 विधायक टीएमसी में शामिल हो गए। जिसके बाद टीएमसी राज्य में मुख्य विपक्ष बन गया है। अधिकतर राजनीतिज्ञ इसे ममता की जीत बता रहे हैं।
मेघालय के साथ गोवा में भी पार्टी का वर्चस्व
मेघालय के अलावा गोवा में भी टीएमसी का वर्चस्व देखने में आ रहा है। गोवा में पूर्व मुख्यमंत्री लुइज़िन्हो फलेरियो सहित पार्टी नौ अन्य नेता भी टीएमसी में शामिल हो गए। इसके अलावा अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सुष्मिता देव, कीर्ति आजाद और हरियाणा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अशोक तंवर जैसे नाम कांग्रेस छोड़कर टीएमसी शामिल होने वालों में शुमार है।