Jannah Theme License is not validated, Go to the theme options page to validate the license, You need a single license for each domain name.
राजनीति

Congress: रमन सिंह के इशारे पर मोदी सरकार के खिलाफ छत्तीसगढ़ भाजपा का आंदोलन: शैलेश नितिन त्रिवेदी

रायपुर। (Congress) बारदाने की कमी के लिये भाजपा के आंदोलन को मोदी सरकार के खिलाफ आंदोलन निरूपित करते हुये प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने छत्तीसगढ़ में धान खरीदी के लिये बारदानों की अद्यतन स्थिति की जानकारी देते हुये कहा है कि बारदानों की भाजपा की मोदी सरकार निर्मित कमी की स्थिति से निपटने के लिये छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार सतत् काम कर रही है। बारदानों की जो भी बची हुयी कमी है मोदी सरकार द्वारा ही जूट बारदानों की गठानें न देने के कारण है। (Congress) इसलिये भाजपा का यह आंदोलन मोदी सरकार के ही खिलाफ है। धान खरीदी के लिये बारदाना की कमी के लिये मोदी सरकार ही जिम्मेदार है। छत्तीसगढ़ सरकार ने तो युद्ध स्तर पर बारदानों की सप्लाई सुनिश्चित की है।

Ambikapur: धान खरीदी और कृषि कानून पर गरमाई सियासत, कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर लगाए गंभीर आरोप, जानिए क्या कहा

(Congress) प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि इस वर्ष अब तक धान खरीदी में बाधा डालने की तमाम कोशिशों के बावजूद अब तक 12.42 लाख किसानों से 57.37 लाख टन धान खरीदा जा चुका है। समर्थन मूल्य की राशि 9122 करोड़ रूपयें किसानों में वितरित भी की जा चुकी है।

Bijapur: पिकनिक मनाने के लिए दोस्तों के साथ गई थी लड़कियां, नदी में निकले घूमने, हुआ ये हादसा , घर में पसरा मातम

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि बारदानों की संभावित कमी की प्रतिपूर्ति हेतु नये जूट बारदानों की अतिरिक्त मांग के साथ अन्य वैकल्पित प्रयास भी छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा निरंतर किए जा रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि पुराने इण्डेण्ट के विरूद्ध जूट कमिश्नर से 36 हजार गठान से अधिक नये जूट बारदाने की आपूर्ति अप्राप्त है। भारत सरकार से माह जनवरी 2021 में 35000 गठान नये जूट बारदानों की अतिरिक्त आपूर्ति की अनुमति मांगी गई है। छत्तीसगढ़ सरकार तो बारदाना आपूर्ति को उच्च प्राथमिकता देते हुये जिला प्रशासन के माध्यम से पीडीएस बारदानों एवं मिलर के पुराने बारदानों के शत प्रतिशत संग्रहण हेतु निरंतर काम कर रही हैं। छत्तीसगढ़ सरकार ने तो एचडीपीई, पीपी बारदानों की आपूर्ति में कमी को दृष्टिगत रखते हुए 30 हजार गठान एचडीपीई, पीपी बारदानों के पुनः उपयोग की अनुमति प्रदान की गई है। बरदानों की संभावित कमी को देखते हुये किसान बारदानों के साथ समिति के पुराने जूट बारदानों में भी खरीदी हेतु भी किसान हितैषी छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रावधान किये हैं। अब तक लगभग 16000 गठान किसान बारदानों में एवं 114 गठान समिति बारदानों में खरीदी की जा चुकी है। किसान बारदानों हेतु कृषकों को 15 रू. प्रति बारदाना की दर से भुगतान किया जा रहा है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में अनुमानित धान उपार्जन 89.00 लाख मे. टन हेतु लगभग 4.45 लाख गठान बारदानों की आवश्यकता है और बारदाना आपूर्ति की वर्तमान स्थिति इस प्रकार हैः-

बारदाना का प्रकार

कुल आपूर्ति का लक्ष्य

सुनिश्चित की गई आपूर्ति

शेष आपूर्ति

प्राप्ति का प्रतिशत

नये जूट बारदानें

1.45 लाख गठान

1.09 लाख गठान

36 हजार गठान

75 प्रतिशत

पीडीएस बारदाने

98 हजार गठान

70 हजार गठान

28 हजार गठान

72 प्रतिशत

मिलर से प्राप्त योग्य पुराने बारदानें

1.62 लाख गठान

1.16 लाख गठान

46 हजार गठान

71 प्रतिशत

एच.डी.पी.ई./पी.पी. बारदाने

70 हजार गठान

22 हजार गठान

48 हजार गठान

31 प्रतिशत

किसान एवं समिति बारदाना

16 हजार गठान

छत्तीसगढ़ सरकार ने धान खरीदी के लिये 35 हजार गठान नए बारदाने खरदीने का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा है। प्रदेश सरकार अपने स्तर पर भी पुराने बारदानों की व्यवस्था कर रही है। अब तक करीब 16 हजार गठान बारदाने किसानों से लिये गए हैं जबकि 114 गठान समितियों से ली गयी है। सरकार ने तीन लाख 50 हजार गठान बारदाने की व्यवस्था कर ली है। इस वर्ष धान खरीदी के लिये तीन लाख 50 हजार गठान बारदानें उपलब्ध कराने का आग्रह भारत सरकार से किया गया था। पूरे देश में जूट बारदाने की आपूर्ति भारत सरकार की एजेंसी के माध्यम से ही होती है। राज्य सरकार की तरफ से भेजे गए तीन लाख 50 हजार गठान बारदाने की मांग में जूट कमिश्नर से 50 फीसद की कटौती कर दी। उसमें से भी अब तक राज्य को केवल एक लाख नौ हजार गठान बारदाने ही प्राप्त हुए है।

बारदानों की आपूर्ति में केन्द्र सरकार द्वारा की गई भारी कटौती करने के कारण राज्य में धान खरीदी प्रभावित न हो इस लिये छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने अपने स्तर पर 70 हजार गठान एचडीपीई, पीपी बारदानों की खरीदी की है। बारदाने की कमी को ध्यान में रखते हुये 30 हजार गठान एचडीपीई, पीपी के नए बारदानों का पुनः उपयोग करने की अनुमति कलेक्टरों को दी गयी है। इसके अलावा जिला प्रशासन के जरिए पीडीएस व मिलर के पुराने बारदानों के शत प्रतिशत संग्रहण के निरंतर प्रयास किए जा रहे है। बारदानों की संभावित कमी को देखते हुये किसान बारदानों के साथ समिति के पुराने जूट बारदानों में भी धान खरीदी की अनुमति दी गई है। किसानों को उनके बारदानों का 15 रूपये प्रति बारदाना की दर से भुगतान किया जा रहा है। इसके साथ ही 53 हजार गठान नए बारदाने की मांग फिर से भेजी गई है। 89 लाख मे.टन अनुमानित धान उपार्जन के दृष्टिकोण से 4.45 लाख गठान बारदानों के विरूद्ध बाददानों के विरूद्ध अब तक 3.30 लाख गठान बारदानों की आपूर्ति सुनिश्चित की जा चुकी है।

Related Articles

Back to top button