गरियाबंद

Gariyaband: एडिशनल एसपी सूखनन्दन राठौर का तबादला, 20 से भी ज्यादा समारोह हुए आयोजित, जिलेवासियों ने दी यादगार विदाई

रवि तिवारी@देवभोग। (Gariyaband) केवल पुलिस ही नही सामाजिक कार्यकता की तरह काम करने वाले एडिशनल एसपी सूखनन्दन राठौर जिले के पहले ऐसे अधिकारी बने जिनके तबादले के बाद जिले भर में 20 से भी ज्यादा समारोह का आयोजन कर जिलेवासियों ने दिया यादगार विदाई।

(Gariyaband) जिले के एडिशनल एसपी सूखनन्दन राठौर का बीते 12 सितम्बर को प्रदेश के एटीएस साखा ए एसपी रूप में तबादला हो गया है।तबबदला कि जानकारी लगते ही कुछ संगठनों ने आदेश का विरोध भी शुरू कर दिया था, बकायदा ज्ञापन सौप राठौर को यथावत रखने के लिए लामबद्ध होने लगे थे।श्री राठौर के आग्रह के बाद लामबद्ध होना बंद हुआ है।

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(Gariyaband) दरअसल  27 फरवरी 2019 को गरियाबन्द आने के बाद राठौर ने न केवल क्राइम कंट्रोल व ला एंड ऑर्डर का फॉलो करवाने में लगे रहे बल्कि इन सब से हटकर सभी वर्गों के साथ बेहतर ताल मेल कर सामुदायिक पुलिसिंग का बेहतर उदाहरण प्रस्तुत किया है।उनके इसी खासियत के वजह से ही आज तबादले के बाद न केवल पुलिस सेवा के बल्कि अब तक तबादला होकर गए जिला अफसरों में राठौर ही वो पहले सख्स है जिन्हें जिला भर के लोगो ने अलग अलग 20 से भी ज्यादा समारोह का आयोजन कर भावभीनी विदाई दिया है। विदाई का सिलसिला 15 सितम्बर से गरियाबन्द में चेम्बर आफ कॉमर्स  व ब्यापारी संघ के द्वारा दे कर शुरू किया गया पत्रकार गरियाबंद, पत्रकार साथी देवभोग,पत्रकार गण मैनपुर

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व्यापारी संघ फ़िंगेश्वर,चेम्बर ऑफ़ कामर्स फ़िंगेश्वर,गणेशोत्सव समिति गाड़ाघाट ,कबड्डी क्लब बिंद्रानवागढ ने,पूलिस परिवार फेस1 कॉलोनी ने अब तक विदाई दिया है।सोमवार को नगरपालिका गरियाबन्द के तत्वाधान में सर्व संगठन के भब्य आयोजन के  अलावा प्रशानिक रूप से पुलिस परिवार द्वारा विदाई समारोह का आयोजन किया गया है।

सूखनन्दन राठौर ने कहा कि उनके सर्विस काल का यह सबसे बड़ा उपलब्धी है जिसे वह जिंदगी भर संजो के रखेंगे।गरियाबन्द जिले में रह कर जो सम्मान मिला,जाते वक्त जिले वासियों ने यह अहसास करा दिया कि मिल रहा प्यार मूझे मिली जिम्मेदारी के सफल निर्वाहन के लिए ही है।

राठौर की ये खासियत उन्हें जनता के साथ साथ सभी के करीब ला दिया

ग्राम रक्षा समीतीयो की मॉनिटरिंग से सीधे जुड़े ग्रामीणों से- अपराध नियंत्रण के लिए पुलिस ने गाँव गाँव मे ग्राम रक्षा समितियो का गठन कराया,इसकी मॉनिटरिंग का जिम्मा व समिति से सीधे सवांद का जिम्मा एडिशनल एसपी राठौर ने अपने जिम्मे लिया। छोटी विवाद हो या कोई बड़ी वारदात या फिर गाँव को नुकसान पहूचाने वाले अवैध कारोबार की सीधी सूचना ग्रामीणों से तत्काल मिलने लगा।सूचना पर ग्रामीणों के अपेक्षा के अनुरूप कार्यवाही भी होती रही।विश्वास बढ़ता गया और राठौर के जरिये पुलिस ने एक मजबूत सूचना तंत्र खड़ा कर लिया।इसी नेटवर्क के बदौलत अवैध कारोबार पर लगाम लगा ,साथ ही नक्सली मूमेंट की सटीक सूचना का संकलन पूलिस के अभियान में मददगार साबित हुआ। धान खरीदी सीजन में  देवभोग के ओड़िसा सीमा से आने वाले अवैध परिवहन को रोकने में भी भारी सफलता मिली थी।

झोलटूराम के जागरूकता अभियान की शॉट फ़िल्म ,प्रदर्शक का काम किया- कड़क पूलिस आफिसर को जिले वासियों ने पहली बार झोलटूराम गाने पर नाचते हुए देख हैरान हुए थे।पर इस ऑफिसर के अंदर छुपे कलाकार ने भरे कोरोना काल मे जन जागरूकता के लिए कई शॉट फ़िल्म बनाया जिसका सकारात्मक परिणाम भी आया।अपराधों के खिलाफ भी अपने अभिनय के माध्यम से जागरूकता के लिए बनाये गए शॉट फ़िल्म को लोगो ने भारी पसंद किया।राठौर के अभिनय कला ने भी जिले वासियों के दिल मे छाप छोड़ गया।

राजीम मेले में नागा साधुओ ने खोल दिया था सरकार के खिलाफ मोर्चा-

2020 के राजीम मेले में विदाई के वक्त भारत भर से आये नागा साधुओ ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था।विपक्ष फजीहत कराने साधूओ को हवा देने जुट गए ऐसे वक्त में सूखनन्दन राठौर ने प्रशासन की ओर से मोर्चा संभाल कर 4 घण्टे के भीतर साधुओ को शांत कर अपने कार्य कुशलता का परिचय दिया था,मेले में पुलिस ने तगड़ी शान्ति व सुरक्षा ब्यवसथा बनाया था जिसके चलते कलाकार बेफिक्र होकर प्रस्तुति देते थे।विभिन्न संगठनों द्वारा समय समय पर किये जाने वाले प्रदर्शन में भी राठौर की भूमिका संकट मोचक की रही। मालगांव चक्का जाम में पुलिस व ग्रामीण आमना सामना होने की स्थिति निर्मित हो चुकी थी।इस हाई प्रोफाइल मामले में सत्ता पक्ष के अलावा विपक्ष की पैनी नजर थी,थोड़ी सी चूक मामले को विधान सभा पटल तक ले जाती,लेकिन राठौर ने यंहा भी अपने कुशलता व ग्रामीणों के बीच बने नेटवर्क सिस्टम के बदौलत इस मामले को शान्त कर एक बार फीर आला अफसरों के नजरो में अपने काबिलियत को साबित किया था।

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