सुरक्षाबलों को नक्सल विरोधी अभियान में बड़ी सफलता, 22 नक्सली गिरफ्तार

बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग को नक्सल मुक्त बनाने के लिए चलाए जा रहे अभियान में सुरक्षाबलों को बुधवार को बड़ी सफलता मिली है। बीजापुर जिले के उसूर, जांगला और नेलसनार थाना क्षेत्रों में 22 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें से दो इनामी नक्सली भी शामिल हैं।
गिरफ्तार नक्सलियों के कब्जे से टिफिन बम, कार्डेक्स वायर, जिलेटिन स्टिक, डेटोनेटर, बैटरियां, इलेक्ट्रिक वायर और खुदाई के औजार बरामद किए गए हैं। इस संयुक्त ऑपरेशन को थाना उसूर, जांगला, नेलसनार पुलिस और कोबरा 205, 206 और 210 वाहिनी की टीम ने अंजाम दिया।
बड़े हमले की साजिश नाकाम
बरामद सामग्री को देखते हुए नक्सलियों द्वारा किसी बड़ी हिंसक कार्रवाई की साजिश की आशंका जताई जा रही है, जिसे सुरक्षाबलों ने समय रहते विफल कर दिया। सभी गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ जारी है। इससे पहले मंगलवार को नक्सल मोर्चे पर एक और अहम सफलता हाथ लगी। कोतरी एरिया कमेटी के डिप्टी कमांडर रूपेश उर्फ सहदेव मंडावी, जो बीते 14 वर्षों से नक्सल गतिविधियों में सक्रिय था, उसने मोहला मानपुर अंबागढ़ चौकी में आत्मसमर्पण कर दिया। रूपेश मंडावी पर 5 लाख रुपए का इनाम घोषित था। वह बस्तर, कांकेर से लेकर महाराष्ट्र बॉर्डर तक लाल आतंक फैलाने में शामिल रहा है।
ऑपरेशन प्रयास और पुनर्वास नीति से प्रभावित नक्सली
पुलिस अधीक्षक यशपाल सिंह ने प्रेस वार्ता में बताया कि IG दीपक झा और पुलिस टीम के ‘ऑपरेशन प्रयास’ और सरकार की नई आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर रूपेश ने मुख्यधारा में लौटने का फैसला लिया। उसने खुद बस्तर के माड़ इलाके से चलकर मोहला जिला मुख्यालय पहुंचकर हथियार सौंपे और आत्मसमर्पण किया। राज्य सरकार और सुरक्षा बलों का लक्ष्य बस्तर संभाग को पूरी तरह नक्सल मुक्त बनाना है। हालिया गिरफ्तारियां और आत्मसमर्पण यह संकेत देते हैं कि नक्सलियों का मनोबल टूट रहा है और सरकारी रणनीति कारगर साबित हो रही है।