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आस्था की नगरी अमरकंटक में सावन की धूम, दर्शन को ज्वालेश्वर पहुंचे श्रद्धालु

बिपत सारथी@पेंड्रा. धर्म आस्था तीर्थ और पर्यटन की नगरी अमरकंटक में सावन के तीसरे सोमवार के दिन मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की सीमा पर आस्था की धूम देखी गयी।

बता दें कि इस सोमवार मौसम साफ होने की वजह से भारी संख्या में श्रद्धालु अमरकंटक और ज्वालेश्वर पहुंच रहे हैं।यहां छत्तीसगढ़ की सीमा पर स्थित ज्वालेश्वर में मध्यप्रदेश की सीमा में स्थित अमरकंटक के नर्मदा उदगम से जल लाकर भगवान शिव का जलाभिषेक करने श्रद्धालु यहां पहुंचे। मध्यप्रदेश की सीमा में बसे अमरकंटक के नर्मदा उदगम और छत्तीसगढ़ स्थित ज्वालेश्वर महादेव का इस दिन अपना महत्व होता है। आज तीसरे सावन सोमवार के दिन नर्मदा उदगम से जल लेकर आठ किलोमीटर दूर पैदल चलकर कांवरों में जल भरकर सैकड़ों की सख्या में श्रद्धालु ज्वालेष्वर महादेव पहुंचे और यहां स्थित स्वयंभू शिवलिंग पर नर्मदा के उदगम जल के साथ ही बेलपत्र, दूध दही दत्यादि से शिव का जलाभिषेक कर मनचाही मुरादें मांगी। आज ज्वालेश्वर महादेव में जलाभिषेक करने मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ उड़ीसा और बंगाल से कांवरिये और श्रद्धालु पहुंचे और ब्रहममुहूर्त से ही जलाभिशेक करने का सिलसिला शुरू हो गया। कांवरियों ने आज नर्मदा उदगम से जल भरकर विशेष पूजा अर्चना के बाद रवाना हुये यहां उनके कांवरों की आरती हुयी और मां नर्मदा से आशीष लेकर ज्वालेष्वर के शिव दरबार में पंहुचे। बाकी समय में ज्वालेष्वर की पहचान भले ही पर्यटन स्थल के रूप में होती हो पर आज के दिन इसका सिर्फ और सिर्फ विशेष धार्मिक महत्व रहता है और लोगों की भीड़ यहां के धार्मिक और पौराणिक महत्व को बतलाती है।

मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की सीमा में स्थित होने के कारण जलेश्वर महादेव मंदिर के आसपास मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले और छत्तीसगढ़ के गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले की पुलिस श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए तैनात की गई थी …

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