समाधान शिविर सरकार की जवाबदेही और जनसेवा का प्रतीक – मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

दुर्ग। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने दुर्ग जिले के धमधा विकासखंड की ग्राम पंचायत मुरमुंदा में आयोजित समाधान शिविर को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार का काम केवल योजनाएं बनाना नहीं है, बल्कि उनका लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना भी है। उन्होंने बताया कि जब हम गांव-गांव जाकर समाधान शिविर लगाते हैं, तो यह हमारी जवाबदेही का प्रमाण होता है। यह काम वही सरकार कर सकती है जो पूरी ईमानदारी और समर्पण के साथ जनता के लिए कार्य करती हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समाधान शिविर केवल एक सरकारी आयोजन नहीं, बल्कि शासन-प्रशासन की जनसामान्य के प्रति जिम्मेदारी का जीवंत उदाहरण है। उन्होंने कहा कि सरकार ने एक वर्ष पूर्ण होने पर जनता के समक्ष रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत किया था और अब डेढ़ साल बाद पुनः जनता के बीच आकर अपने कामकाज की जानकारी दे रही है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि सुशासन तिहार के तहत दुर्ग राज्य का 19वां जिला है, जहां वे सुशासन शिविर में शामिल हुए हैं। औचक निरीक्षण और फीडबैक लेने पर यह खुशी होती है कि सरकार द्वारा किए गए कार्यों का लाभ सीधे जनता को मिल रहा है। मुरमुंदा शिविर में कुल 2630 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 2539 मामलों का मौके पर समाधान कर दिया गया। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि शिविर में प्राप्त सभी आवेदनों का पूर्ण निराकरण किया जाएगा।
हर घर तक बिजली और नल से जल पहुंचाने का काम कर रही सरकार
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार हर घर तक बिजली और नल से जल पहुंचाने का काम कर रही है। उन्होंने पूर्ववर्ती सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना में 18 लाख गरीब परिवारों के हक छीनने का कार्य पिछली सरकार ने किया। नल-जल योजना में भी अनियमितताओं के कारण टंकियों के बावजूद पानी का प्रबंध नहीं था, जिसे उनकी सरकार ने सुधार कर धरातल पर लागू किया।
किसानों, मजदूरों और बुजुर्गों के लिए भी सरकार ने अनेक योजनाएं शुरू की हैं। किसानों से प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान की खरीद 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से की जा रही है। साथ ही, पिछले दो वर्षों का बोनस भी किसानों को दिया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने तीर्थदर्शन योजना के तहत 22,000 से अधिक बुजुर्गों को रामलला अयोध्या धाम दर्शन का अवसर प्रदान किए जाने का भी उल्लेख किया। भूमिहीन कृषि मजदूरों को 10,000 रुपये की वार्षिक सहायता दी जा रही है।
रजिस्ट्री के साथ ही नामांतरण स्वतः हो जाएगा
भूमि रजिस्ट्री प्रणाली में सुधार करते हुए उन्होंने बताया कि अब रजिस्ट्री के साथ ही नामांतरण स्वतः हो जाएगा, जिससे लोगों को कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। यदि कोई व्यक्ति अपने बेटा या बेटी को जमीन देना चाहता है तो मात्र 500 रुपये में दानपत्र बनाकर कार्य पूरा हो जाएगा। ग्राम पंचायतों में अटल डिजिटल सेवा केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं, जो अब तक 1460 पंचायतों में शुरू हो चुके हैं। इन केंद्रों पर रोजाना 1 से 1.5 लाख रुपये तक के बैंकिंग लेनदेन हो रहे हैं, और अगले एक वर्ष में पूरे प्रदेश की ग्राम पंचायतों में यह सुविधा दी जाएगी।
समाधान शिविर में प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों को गृह प्रवेश की चाबियां, मनरेगा श्रमिकों को जॉब कार्ड, सामाजिक पेंशन के लाभार्थियों को पेंशन, किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड, चेक और एटीएम कार्ड वितरित किए गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का उद्देश्य केवल शासन चलाना नहीं, बल्कि जनता की सेवा करना है।
जब शासन जनता के द्वार तक पहुंचता है तभी सच्चा सुशासन स्थापित होता है। कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, विधायक डोमनलाल कोर्सेवाड़ा, विधायक साजा ईश्वर लाल साहू, पूर्व विधायक प्रेमप्रकाश पांडेय, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के सचिव पी. दयानंद सहित कई जनप्रतिनिधि और आसपास की 15 पंचायतों के ग्रामीण जन बड़ी संख्या में उपस्थित थे।