RTI में जानकारी नहीं देने वाले अफसरों पर जुर्माना, वसूली में नाकामी

मनेंद्रगढ़। राज्य सूचना आयोग ने 1 जनवरी 2020 से 21 फरवरी 2025 तक सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत जानकारी नहीं देने वाले 2493 जन सूचना अधिकारियों पर 4 करोड़ से ज्यादा का जुर्माना लगाया है। लेकिन, इन अफसरों से अब तक केवल 42 लाख रुपये की वसूली हो पाई है, जबकि बाकी 2207 अफसरों से 4.39 करोड़ रुपये की वसूली नहीं हो सकी है।
आरटीआई कार्यकर्ता अशोक श्रीवास्तव ने राज्य सूचना आयोग से जानकारी मांगी, जिसके तहत आयोग ने बताया कि इन अफसरों पर जानकारी न देने, जानबूझकर देरी करने या अधिनियम की अवहेलना करने के कारण जुर्माना लगाया गया है। हालांकि, वसूली का कार्य अभी तक बहुत ही कम हुआ है, जिससे सरकार के राजस्व को नुकसान हो रहा है।
प्रशासन की लापरवाही के कारण सवाल उठ रहे हैं कि क्या सरकार जानबूझकर इन वसूली मामलों को टाल रही है? क्या राज्य सूचना आयोग के आदेशों का पालन नहीं किया जा रहा? क्या अफसरशाही इस कानून को अपनी मर्जी से चलाना चाहती है? सवाल यह भी है कि जब अधिकारी आदेशों की अवहेलना कर रहे हैं, तो उनकी जवाबदेही तय करने में सरकार की भूमिका क्या है?