बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में सोमवार को मस्तूरी-जोंधरा मुख्य मार्ग की बदहाली के खिलाफ ग्रामीणों ने चक्काजाम किया। बारिश में सड़क की हालत खतरनाक हो गई है, जिसके चलते 15 से 20 गांवों के लोग आए दिन परेशान हो रहे हैं। मल्हार क्षेत्र के बकरकुदा, सरसेनी, मटिया, चकरबेड़ा, बिनैका और धनगांव-पकरिया समेत आसपास के गांवों के लोग सुबह से सड़क पर उतर आए और आवागमन पूरी तरह रोक दिया। कुछ समय तक वाहनों की लंबी कतारें लगी रहीं।
ग्रामीणों का कहना है कि इस सड़क के साथ ही कई संपर्क मार्ग वर्षों से गड्ढों से भरे हुए हैं। बारिश में कीचड़ और पानी भरने से इन पर चलना बेहद मुश्किल और खतरनाक हो गया है। कई बार अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से मरम्मत की मांग की गई, लेकिन सिर्फ आश्वासन मिला, काम शुरू नहीं हुआ। उन्होंने अफसरों पर उदासीनता का आरोप लगाते हुए कहा कि सड़क की मरम्मत न होने से जान-माल का खतरा बढ़ गया है।
सूचना मिलने पर अधिकारी मौके पर पहुंचे और शीघ्र मरम्मत का भरोसा दिलाया। उनकी समझाइश के बाद ग्रामीणों ने करीब आधे घंटे बाद चक्काजाम समाप्त किया। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि यदि ठोस आश्वासन और समयसीमा तय नहीं हुई, तो आंदोलन फिर से तेज किया जाएगा।
ग्रामीणों ने यह भी बताया कि हाईकोर्ट इस मामले में पहले ही संज्ञान ले चुका है और जनहित याचिका पर सुनवाई चल रही है, बावजूद इसके जिम्मेदार विभाग ने बारिश के मौसम में गड्ढों को भरने की भी जहमत नहीं उठाई। लोगों का कहना है कि अब वे केवल काम होते देखना चाहते हैं, वरना सड़क पर उतरकर विरोध जारी रहेगा।