6 वीं क्लास से 12वीं तक छात्राओं को मुफ्त में मिले सैनिटरी पैड- सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर

नई दिल्ली। सैनिटरी पैड को लेकर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है. याचिका में मांग की गई है कि देश के स्कूलों में छठी से 12वीं क्लास की छात्राओं को मुफ्त में सैनिटरी पैड मुहैया कराई जाए. याचिका में सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई गई है कि अदालत सरकार को छठी से 12वीं कक्षा में पढ़ने वाली छात्राओं को मुफ्त में सैनिटरी पैड मुहैया कराने का निर्देश दे, ताकि गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की बच्चियों को सैनिटरी पैड के लिए कठिनाइयों का सामना ना करना पड़े. जया ठाकुर ने अधिवक्ता वरीन्द्र कुमार शर्मा और वरुण ठाकुर के द्वारा सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की.
याचिकाकर्ता जया ठाकुर ने कहा है कि गरीब पृष्ठभूमि से आने वाली 11 से 18 वर्ष की किशोरियों को गंभीर कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. ये किशोर बालिकाएं पीरियड्स के बारे में और पीरियड्स के दौरान रखी जाने वाली स्वच्छता के बारे में नहीं जानती हैं और ना ही इसके बारे में अपने माता-पिता से बातचीत कर पाती हैं. इसके अलावा याचिका में यह भी कहा गया है कि पीरियड्स को लेकर गरीब परिवार के लोगों में जागरूकता का भी अभाव है.
लड़कियों के लिए सभी तरह के स्कूलों में अलग से हो शौचालय
कमजोर आर्थिक स्थिति और जानकारी की कमी के चलते पीरियड्स के दौरान गरीब परिवार में कुप्रथाओं और पारंपरिक तरीकों का इस्तेमाल किया जाता है. इसके चलते गरीब परिवार की बच्चियां गंभीर बीमारियों की चपेट में आ जाती है और ऐसे में स्कूल या घर से बाहर निकलने में परेशानी होने लगती है. इसके अलावा याचिकाकर्ता ने यह भी मांग की है कि सभी सरकारी, ऐडेड और स्थानीय स्कूलों में लड़कियों के लिए अलग से शौचालय की सुविधा मुहैया कराई जाए और एक सफाईकर्मी नियुक्त किया जाए.